राष्ट्रपति भवन : 03.06.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (03 जून, 2017) राष्ट्रपति भवन में प्रो. मुचकुंद दुबे द्वारा लिखित लल्लन शाह फकीर के गीत तथा लल्लन शाह फकीर के चुनिंदा गीतों की डीवीडी की प्रथम प्रतियां प्राप्त कीं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने प्रो. मुचकुंद दुबे को जिन्होंने बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया, को उनके अग्रणी कार्य के लिए तथा एक महान संत, कवि और समाज सुधारक लल्लन शाह फकीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उन्हें जानने का अवसर देने के लिए बधाई दी। उन्होंने पुस्तक के प्रकाशन के लिए साहित्य अकादमी तथा बेगम फरीदा परवीन की हिंदी प्रस्तुति वाली डीवीडी बनाने की परियोजना में सहयोग के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बेगम फरीदा परवीन ने हिंदी और बंगाली दोनों में लल्लन शाह फकीर के गीतों की मधुर प्रस्तुति द्वारा दर्शकों को प्रभावित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हिंदी में लल्लन शाह फकीर के गीतों का अनुवाद और संगीतमय प्रस्तुति भारत के सभी भागों में लल्लन शाह फकीर की अनूठी कृतियों को लोकप्रिय बनाने में अभूतपूर्व योगदान देगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा कोई बंगाली नहीं होगा जो लल्लन शाह फकीर के गीतों के बारे में परिचित न हो। विशेषकर बंगाली भाषी क्षेत्र में विख्यात संत कवियों के बीच लल्लन शाह फकीर का एक ऊंचा स्थान है। उन्हें इस क्षेत्र का एक सबसे गहन विचारक और समाजसुधारक माना जाता है। उनका काव्य बंगाली साहित्यिक परंपरा की एक मूल्य निधि है। इस उत्कृष्ट कवि ने किसी पंथ या विचारधारा के प्रति झुकाव नहीं दिखाया, बल्कि वैष्णवता, सहजिया बौद्ध धर्म और सूफीवाद के उत्तम गुणों को ग्रहण किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रख्यात कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार लल्लन शाह फकीर के अनेक महत्वपूर्ण गीतों का प्रकाशन किया तथा लल्लन शाह फकीर की रचनाओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज लल्लन शाह फकीर एक विभूति हैं और ‘लल्लन गीती’ बंगाली लोकसंगीत की मुख्य धारा में शामिल हैं और साथ-साथ उन्हें भारत की बांग्ला जनता के बीच सम्मान और गौरव प्राप्त है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह बांग्लादेश के प्रख्यात अतिथियों विशेषकर हसनुल हक इनु, बांग्लादेश सरकार के सूचना मंत्री तथा प्रोफेसर अनीसुज्जमान, बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष, बांग्लादेश सरकार का विशेष उल्लेख और उनकी उपस्थिति पर हर्ष व्यक्त करते हैं।
यह विज्ञप्ति 2010 बजे जारी की गई।