राष्ट्रपति भवन : 20.01.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 जनवरी, 2013) को कोलकाता में राष्ट्रीय परीक्षणशाला के शताब्दी समारोहों का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में भारी वृद्धि के बावजूद भारत अनुसंधान और विकास में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय परीक्षणशाला जैसे संस्थानों को अतंरराष्ट्रीय मानदंडों के बराबर आना चाहिए। इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आज हम विश्व-ग्राम में रहते हैं और बाजार में अस्तित्व बनाए रखने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है। यह बहुत जरुरी है कि गुणवत्ता में सुधार करते हुए लागत में कमी की जाए और उसके लिए विश्व स्तरीय परीक्षण सुविधाओं का विकास किया जाना अनिवार्य है। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय परीक्षण शाला को इस दिशा में अग्रणी बनने का आह्वान किया।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने राष्ट्रीय परीक्षणशाला के इतिहास पर पुस्तक का विमोचन किया और उसकी प्रथम प्रति माननीय राष्ट्रीय को भेंट की।
यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई