राष्ट्रपति भवन : 13.02.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (13 फरवरी, 2017) राष्ट्रपति भवन में रामजस कॉलेज के शताब्दी समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने रामजस कॉलेज के शताब्दी समारोह पर अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर विगत 32 वर्षों से रामजस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आजीवन उपलब्धि पुरस्कार प्रदान करते हुए बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे गुरुओं को नमन करना हमारा सबका परम कर्तव्य है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य न केवल रोजगार प्राप्त करना है बल्कि ज्ञान प्राप्त करना भी है। ज्ञान आधारित समाज आज के समय का चलन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबसे उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला है, वह केन्द्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलाध्यक्ष के रूप में देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर देते रहे हैं। वह लगातार बल देते रहे हैं कि भारतीय विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थान और अधिक नोबेल विजेता पैदा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने प्रश्न किया कि ऐसा क्यूं है कि लगभग दो वर्ष पहले तक, कोई भी विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षा संस्थान अंतरराष्ट्रीय वरीयता में सर्वोच्च दो सौ में शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि देश के विद्यार्थियों या अध्यापकों में प्रतिभा की कमी नहीं है। इसलिए हममें अपनी गुणवत्ता के बल पर राष्ट्रों की पंक्ति में अपना सही स्थान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने भविष्य में और अधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए रामजस कॉलेज को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने एक शताब्दी डाक टिकट जारी की और ‘रामजस के इतिहास’ पर एक स्मारक खण्ड का विमोचन किया।
यह विज्ञप्ति 1645 बजे जारी की गई