राष्ट्रपति भवन : 04.05.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (04 मई, 2016) नई दिल्ली भारतीय निर्यात संगठन परिसंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया तथा निर्यात श्री और निर्यात बंधु पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास 7.6 प्रतिशत है तथा इसके आने वाले वर्षों में 7.7 और 7.9 प्रतिशत होने की संभावना है, हम नुकसान में नहीं हैं क्योंकि भारत को वर्तमान में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक विकास दर हासिल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अपनी अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को पूरी तरह साकार कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि विकास महत्त्वपूर्ण है परंतु सभी नागरिकों को लाभान्वित करने के लिए इसे और सार्थक होना चाहिए। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि हमारे घरेलू कारोबार वातावरण में ऐसे सतत, स्थिर और समावेशी विकास को बढ़ावा मिले जिसमें समाज के सभी वर्ग शामिल हों।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्वीकरण अवसर और चुनौतियां दोनों लेकर आता है। हमें अवसरों को हासिल करने तथा चुनौतियों से निपटने के लिए बदलते पहलुओं के साथ स्वयं को जोड़ना होगा। निर्यात क्षेत्र गत्यात्मक है तथा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर दोनों पर नीति में परिवर्तनों द्वारा प्रभावित होता है। इसलिए हमें आज के अत्यंत प्रतिस्पर्द्धात्मक विश्व में तदनुकूल उत्पादों वाले बाजार तक पहुंच बनाने के अपने नजरिए में नवान्वेषी होना चाहिए। आक्रामक विपणन अपने आप में महत्त्वपूर्ण है परंतु इसमें गुणवत्ता नियंत्रण मानक शामिल होने चाहिए ताकि विदेश में भारतीय उत्पादों की सतत मांग पैदा की जा सके। हमें अवसंरचना, मानव पूंजी, नियमों और विनियमों के सरलीकरण, वित्त सुलभता में वृद्धि जैसे विकास के अन्य अहम प्रेरकों पर भी ध्यान देना होगा। हमारी अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम रोजगार और निर्यात में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। इसलिए इसकी विशिष्ट आवश्यकताओं की और अनुकूल प्रक्रियाओं और बैंकिंग समाधानों के सम्बन्ध में एक संकेंद्रित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय निर्यात संगठन परिसंघ विगत पचास वर्षों में एक सुदृढ़ संस्थान के रूप में उभरा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह भविष्य में भी इसी उत्साह, संकल्प, समर्पण और निष्ठा के साथ भारतीय निर्यात समुदाय के हित के लिए कार्य करता रहेगा। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी तथा उनके भावी प्रयासों के सफल होने के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
यह विज्ञप्ति 2050 बजे जारी की गई