राष्ट्रपति भवन : 14.12.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 दिसम्बर, 2012) विज्ञान भवन में ‘इंजीनियरिंग फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इन्क्लूशिव ग्रोथ : विजन 2025’ विषय पर सत्ताइसवें भारतीय इंजीनियरिंग सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तविक सतत् विकास के लिए गरीबी का उन्मूलन करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गरीबी और का हृस पर्यावरण आपस में सम्बन्धित हैं विशेषकर जहां लोग अपने आसपास के पर्यावरण के प्राकृतिक संसाधनों पर आजीविका चलाने के लिए निर्भर हैं। इसलिए गरीबी उन्मूलन पर्यावरण सुरक्षा की पहली जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत प्रदान करने के लिए उपयुक्त जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकासशील देशों को वाजिब लागत पर नवीनतम प्रौद्योगिकियां उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्राप्तकर्ता समाज के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संदर्भ में, इसके प्रभावों को समझते हुए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की जानकारी दी जानी चाहिए। तथापि, उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक संभव हो, वर्तमान स्थानीय प्रौद्योगिकियों को और अधिक कुशल व उपयोगी बनाने के लिए उन्हें उन्नत व अनुकूलित बनाया जाए।
यह विज्ञप्ति 1250 बजे जारी की गई