राष्ट्रपति ने कहा, राष्ट्रपति भवन भारत के लोगों का घर है
राष्ट्रपति भवन : 23.03.2016

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन को भारतीयों का घर बताया। वह दो सप्ताह के आवासी कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति भवन में रह रहे आवासी बुनियादी नवान्वेषकों, लेखकों और कलाकारों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि आवासी कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन को जनता के लिए खोलने की अनेक पहलों में से एक है। उन्होंने बताया कि आवासी कार्यक्रम के प्रतिभागी सम्मानित और विशिष्ट अतिथि हैं। उन्होंने कहा कि वे विशेष अतिथि हैं और अपनी प्रतिभा के कारण वे बने रहेंगे। वे सभी उभरते भारत की सृजनात्मक प्रतिभाएं हैं और वे हमारी प्राचीन सभ्यता में और अधिक महान अध्याय जोड़ेंगे। यदि कोई समाज प्रतिभा का सम्मान नहीं करता तो वह एक प्रगतिशील समाज नहीं कहा जा सकता। नवान्वेषण और रचनात्मकता के बिना कोई समाज उन्नति नहीं कर सकता।

राष्ट्रपति की सचिव,श्रीमती ओमिता पॉल ने कहा कि राष्ट्रपति का दृढ़ विश्वास है कि नवान्वेषण और सर्जनात्मक विचार देश की प्रगति और विकास के लिए अत्यावश्यक हैं। मेधावी लोगों को प्रोत्साहित करके ऐसे नवान्वेषण किया जा सकता है जो आर्थिक लाभ से आगे जाएं और सामाजिक हित के पहलू को भी शामिल करें। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे नए विचारों और प्रतिभावान युवाओं की आवश्यकता है जिनके नवान्वेषण विकास में अग्रणी बन सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि हम तेजी, व्यापकता और सततता चाहते हैं तो नवान्वेषी विचारों की मदद करनी होगी।

आवासी कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने राष्ट्रपति भवन में प्रवास के अपने अनुभव बांटे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में अपने प्रवास से वे अपनी रचनात्मक पहलों को और ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित हुए हैं। जब वे अपने-अपने राज्यों में वापस जाएंगे तो वे राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के दूत के रूप में कार्य करेंगे और दैनिक जीवन में लोगों की समस्याओं के समाधान ढूंढने के लिए दूसरों को नवान्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति की सचिव,श्रीमती ओमिता पॉल ने आवासी कार्यक्रम का प्रलेखन करने वाली पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की। राष्ट्रपति से भेंट करने वाले नवान्वेषकों में कर्नाटक के श्री जी.के रत्नाकर (नवान्वेषण: मिनी हाइड्रो टर्बाइन), जम्मू और कश्मीर के श्री मुश्ताक अहमद डार (नवान्वेषण: अखरोट भंजक), मिजोरम के श्री लाल बियाकजुआला राल्ते (नवान्वेषण: बांस की खपची बनाने वाली मशीन), आंध्र प्रदेश के श्री मल्लेशाम लक्ष्मीनारायण चिंताकिंडी (नवान्वेषण: लक्ष्मी साड़ी निर्माण मशीन), गुजरात के श्री अमृत लाल भवनदास अग्रावत (नवान्वेषण: आरुणी बैलगाड़ी और नवान्वेषी पुली), आंध्र प्रदेश की सुश्री अनुराधा पाल (नवान्वेषण: राइट बायोटिक एंटी बायोटिक फाइंडर) तथा असम के श्री स्वप्निल देवाजीत तालुकदार (नवान्वेषण: पैरचालित पृष्ठ पलटने वाली मशीन) शामिल थे।

नवान्वेषी कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन में रह रहे लेखकों में पश्चिम बंगाल के श्री विनोद घोषाल,आसाम की सुश्री ज्वीश्री बोरो तथा गुजरात के श्री ध्वनिल रविन्द्रभाई पारेख शामिल हैं। ये सभी तीनों साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के विजेता हैं।

आवासी कलाकार उत्तर प्रदेश के श्री सितांशु जी मौर्य हैं और उन्होंने 2010 में ललित कला अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।

नवान्वेषी विद्वान, लेखक और कलाकार हेतु आवासी कार्यक्रम वरिष्ठ नवान्वेषी विद्वानों, लेखकों और कलाकारों तथा युवा एवं उदीयमान प्रतिभाओं को राष्ट्रपति भवन के रमणीय और शांत परिवेश में प्रकृति के निकट रहने की सुविधा द्वारा प्रोत्साहित करने की दृष्टि से 11 दिसंबर, 2013 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा आरंभ किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जो सर्जनात्मकत विचारों को प्रेरित करे तथा कलागत/नवान्वेषी भावों को पुन: जागृत कर दे।

विगत दो वर्षों के दौरान विभिन्न बैचों में चार लेखक पांच कलाकार और पंद्रह नवान्वेषण विद्वान राष्ट्रपति भवन में ठहरे।

यह विज्ञप्ति 1640बजे जारी की गई।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.