राष्ट्रपति भवन : 20.01.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कोलकाता में आज (20 जनवरी, 2017) हिन्दू स्कूल के द्विशताब्दी समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल में उनके विद्यार्थीकाल के मात्र दो विश्वविद्यालयों की तुलना में 27 विश्वविद्यालय हैं। यद्यपि उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए अत्यधिक प्रगति की गई है परंतु इन संस्थानों में प्रदत्त शिक्षा के स्तर को सुधारने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवान्वेषण के महत्त्व को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि लीक से हटकर विचारशीलता से ही भविष्य में तीव्र विकास किया जा सकता है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त भौतिक ढांचागत सुविधाएं निर्मित की गई हैं परंतु 1931 में कलकत्ता विश्वविद्यालय में किए गए कार्य के लिए सर सी.वी. रमन के बाद से भारत में अनुसंधान कार्य के लिए किसी ने भी नोबेल पुरस्कार नहीं जीता है। उन्होंने स्कूली स्तर से ऐसा वातावरण बनाने के लिए कहा जिसमें अनुसंधान और नवान्वेषण को प्रोत्साहित किया जा सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि हिन्दू स्कूल और प्रेजीडेंसी कॉलेज ने विगत 200 वर्षों के दौरान अनगिनत स्कूल विद्यार्थी तैयार किए हैं बल्कि बंगाल के पुनर्जागरण को भी प्रेरित किया। कोलकाता और आसपास के क्षेत्र में तत्कालीन अधिसंख्य प्रबुद्धजन इन दोनों संस्थानों से जुड़े हुए थे। यह टिप्पणी करते हुए कि ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने प्रशासनिक कार्य करने के लिए क्लर्क और अवर स्तरीय कर्मचारी तैयार करने हेतु शिक्षा संस्थानों की स्थापना की और पश्चिमी शिक्षा प्रदान की, राष्ट्रपति ने कहा कि हिन्दू स्कूल समाज और शिक्षा की उस प्रणाली को बेहतर बनाने में सफल हुआ। उन्होंने प्रतिष्ठित स्कूलों से जुड़े सभी लोगों को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं निर्मित करने के लिए कार्य करके अपने विगत विद्यार्थियों के अधूरे सपनों को साकार करने का आग्रह किया।
यह विज्ञप्ति 22:55 बजे जारी की गई