राष्ट्रपति भवन : 26.01.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (25 जनवरी, 2017) आबूधाबी के युवराज और संयुक्त अरब अमीरात के सर्वोच्च उपकमांडर, महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक राजभोज का भी आयोजन किया।
आबूधाबी के युवराज का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह राजकीय यात्रा हार्दिक संबंधों का प्रतिबिंब है तथा ये भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सहयोग को घनिष्ठ बना रहे हैं। हमारी साझी संकल्पना के द्वारा, हम अपनी साझीदारी की वास्तविक क्षमता को साकार करते हुए सर्वोच्च कार्यनीतिक स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह राजकीय यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग को और बढ़ाने के अवसर उपलब्ध करवाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संतुलित द्विपक्षीय व्यापार मात्रा प्रभावी रही है। वर्ष 2015-16 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 49.729 बिलियन अमरीकी डालर था। संयुक्त अरब अमीरात भारत के विशालतम व्यापार साझीदारों में शामिल है। अधिक वृद्धि की संभावनाओं को साकार करने के लिए, हम द्विपक्षीय व्यापार को 2020 तक 60 प्रतिशत तक बढ़ाने पर सहमत हैं।
तदुपरांत, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ढांचागत क्षेत्र में तीव्र विकास की हमारी योजनाओं से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की हमारी सरकार का उदारीकरण तथा विश्व में एक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्रपति ने संयुक्त अरब अमीरात के कारोबार घरानों को ‘भारत में निर्माण’, ‘डिजिटल भारत’ और ‘स्मार्ट सिटीज’ कार्यक्रमों जैसी अग्रणी परियोजनाओं में भाग लेने के लिए भारत के निमंत्रण को दोहराया। भारत राष्ट्रीय ढांचागत निवेश कोष में संयुक्त अरब अमीरात के साथ सुदृढ़ साझेदारी की उम्मीद करता है।
राष्ट्रपति ने कहा, हम भारतीय, संयुक्त अरब अमीरात के अपने मित्रों द्वारा की गई अत्यधिक प्रगति और समृद्धि से प्रसन्न हैं। भारतीय निजी क्षेत्र को आपके देश में महत्त्वपूर्ण निवेश करके खुशी हुई है। हमारी कंपनियां वैश्विक रूप से प्रतिष्ठित हैं और उनके पास उच्च स्तरीय ढांचागत परियोजनाओं के कार्यान्वयन का बहुत अनुभव है। वे दुबई में विश्व एक्सपो 2020 की तैयारियों में साझेदार बनने के लिए उत्सुक हैं। यह संतोष का विषय है कि अपने वर्तमान संबंध और सहयोग को सुदृढ़ बनाते हुए भी हमारी सरकारें, वर्तमान में इन्हें और व्यापक बनाने के नए अवसर खोज रही हैं। हमारे आगे बढ़ने पर, प्राथमिकताओं के रूप में संयुक्त रक्षा उत्पादन, अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा की पहचान की गई है।
राष्ट्रपति ने उग्रवाद, आतंकवाद और असहिष्णुता की शक्तियों, जो हमारे समाजों के ताने-बाने को क्षीण करने का प्रयास करती हैं, के विरुद्ध हमारे जैसे दायित्वपूर्ण राष्ट्रों के लिए सामूहिक प्रयासों को जारी रखने की अत्यधिक आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया दोनों में शांति और स्थिरता के लिए कार्य करने में हमारा साझा हित है।
यह विज्ञप्ति 15:00 बजे जारी की गई