राष्ट्रपति भवन : 10.12.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10दिसम्बर, 2015) नई दिल्ली में श्री शरद पवार की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक अभिनंदन समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने श्री शरद पवार का हमारे समय में उत्कृष्ट राजनीतिक नेताओं में से एक के रूप में वर्णन किया। कृषि मंत्री के रूप में उनकी अवधि के दौरान, देश ने कृषि उत्पादन में स्तरीय रिकॉर्ड कायम किया। उनके द्वारा पहल की गई नीतियों ने भारत के गेहूं और चावल के एक निवल आयातक से सबसे बड़े उत्पादक के रूप में निर्यातक होने में एक अहम भूमिका निभाई।
राष्ट्रपति ने श्री शरद पवार को उनके वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय राजनीतिक नेतृत्व के सभी दलों को एकत्र करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इसमें भारतीय लोकतंत्र की परंपरागत मजबूती की झलक मिलती है जहां राजनीतिक नेता ऐसे अवसर पर पार्टी, विचारधारा और पहुंच के बावजूद एकत्र होते हैं। राष्ट्रपति ने सच्चाई व्यक्त की कि शरद पवार का 1967 से अवरोध रहित राजनीतिक विधायी कैरियर दर्शाता है कि वे लोगों को कितने स्वीकार्य हैं और इस आत्मविश्वास को भी कि वे जनता के बीच में प्रसन्न रहते हैं। राष्ट्रपति को बहुत आश्चर्य हुआ जब श्री पवार ने पूर्व में रक्षा मंत्री होते हुए 2004 में कृषि विभाग की मांग की। लेकिन,बाद में उन्होंने महसूस किया कि श्री शरद पवार का इस संबंध में निर्णय लेना बुद्धिपरक था।
राष्ट्रपति ने श्री शरद पवार द्वारा प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके अपने निर्वाचन क्षेत्र बरामती को एक समृद्ध क्षेत्र में परिवर्तित करने की सराहना की जबकि यह क्षेत्र पानी सहित किसी भी प्राकृतिक संसाधन से वंचित था। उन्होंने कहा कि बारामती आज एक मॉडल है जिसका कहीं भी अनुकरण किया जा सकता है। उन्होंने स्मरण कराया कि 1993 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह के भीतर मुंबई में धमाके हुए। उन्होंने अल्पावधि में भारत के आर्थिक केंद्र की सामान्य स्थिति को बहाल किया और मीडिया ने उनके कार्य-निष्पादन की शीर्षक ‘सलाम बॉम्बे, सलाम पवार जी’ से सराहना की।
उपराष्ट्रपति मो. अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, स्पीकर लोक सभा श्रीमती सुमित्रा महाजन और भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने समारोह में भाग लिया।