राष्ट्रपति भवन : 11.02.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 फरवरी 2014) नई दिल्ली में केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी ’उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने वाली संस्थाओं, जांच एजेंसियों नागरिक संगठनों एवं मीडिया की भूमिका’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ‘आइए हम अपने प्रयासों को द्विगुणित करते हुए भ्रष्टाचार का युद्ध स्तर पर सामना करें’। उन्होंने कहा कि इस सच्चाई के बावजूद कि भ्रष्टाचार दु:साध्य सिद्ध हो रहा है, हमें इस समस्या के समाधान की अपनी योग्यता के प्रति विश्वास को नहीं खोना चाहिए। केन्द्रीय सतर्कता आयोग को स्वयं को पुन: ऊर्जाशील बनना चाहिए तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सीधी लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए। इसे बिना भय और पक्षपात के भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की तेजी से जांच करनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग को सुशासन का अच्छा सहयोगी बनना चाहिए तथा देश हित में तीव्र, उत्तरदायित्वपूर्ण और साहसिक निर्णय में मदद करनी चाहिए। केंद्रीय सतर्कता आयोग के स्दस्यों तथा कर्मचारियों को अपने कामकाज के निर्वहन में ईमानदारी का उच्चतम स्तर कायम रखकर एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि भ्रष्टाचार उल्मूलन के हमारे राष्ट्रीय प्रयासों में हमने कोई ढील नहीं दी है परंतु इस संबंध में हमें अपनी सीमित सफलता को स्वीकार करना होगा। भ्रष्टाचार हमारे राष्ट्र की प्रगति में एक प्रमुख बाधा बना हुआ है। इसने कार्य लागत बढ़ा दी है, सार्वजनिक सेवाओं की कुशलता कम कर दी है, निर्णय प्रक्रिया बिगाड़ दी है तथा हमारे सामज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर दिया है, असमानता को बढ़ा दिया है तथा सामान्य जन, विशेषकर गरीबों की जन सेवाओं तक पहुंच को कम कर दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘हम सभी ने पिछले दिनों भ्रष्टाचार पर विशाल जनाक्रोश देखा है। माहौल में हताशा और निराशा भरी हुई है। हमारी शासन प्रणाली में लोगों के विश्वास तथा हमारी संस्थाओं के प्रति विश्वसनीयसता को बहाल करना अत्यंत जरूरी है’’। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में रायशुमारी और सर्वेक्षणों से ज्ञात होता है कि भ्रष्टाचार हमारे नागरिकों की एक प्रमुख चिंता है। हमें यह गंभीर आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि हम जनता को व्यापक रूप से प्रभावित करने वाले ‘छोटे’ भ्रष्टाचार तथा उच्च पदों पर मौजूद ‘बड़े’ भ्रष्टाचर को कैसे मिटा सकते हैं। नागरिक समाज और मीडिया विशेषकर ‘नया मीडिया’ सकारात्मक बदलाव के पहलकर्ता तथा शक्ति बढ़ाने वाले बन सकते हैं।
राष्ट्रपति ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से हमारी सरकार को स्वच्छ बनाने के लिए आगे आने तथा सरकारी कर्मचारियों के प्रति लोगों की हताशा के परिवेश में बदलाव में योगदान करने का आह्वान किया है।
इस अवसर पर एक कापी टेबलबुक जारी की गई तथा उसकी प्रथम प्रति प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को भेंट की गई। एक स्मारक टिकट भी जारी किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में डॉ मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री श्री कपिल सिब्बल, केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि एवं न्याय मंत्री, श्रीमती सुषमा स्वराज, लोकसभा में विपक्ष की नेता, श्री वी नारायणसामी, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कार्मिक लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री और श्री प्रदीप कुमार, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1320 बजे जारी की गई।