राष्ट्रपति ने कहा कि आचार्य भानुभक्त के संदेश ने भौगोलिक और समय सीमा पार की
राष्ट्रपति भवन : 13.07.2016

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने (13 जुलाई, 2016) दार्जीलिंग (पश्चिमी बंगाल) में महान नेपाली कवि भानुभक्त आचार्य की 202वीं जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि महान कवि ने अपनी कविताएं नेपाली में रची परंतु उनका संदेश समस्त मानवता के लिए था। उनकी अपील ने भौगोलिक और समय सीमा पार की। वह नेपाली भाषा के सर्वप्रथम कवि को श्रद्धांजलि देकर बहुत प्रसन्न हुए।

दार्जीलिंग के लोगों को, भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और पहचानों को विकसित करने के लिए राष्ट्रपति ने कहा कि अनेकता में एकता भारत की शक्ति है। उन्होंने भिन्न-भिन्न संस्कृतियों को समर्थन देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने भिन्न-भिन्न समुदाय से एक सामान्य प्रयोजनार्थ और क्षेत्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।


यह विज्ञप्ति 1700 बजे जारी की गई

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