राष्ट्रपति भवन : 03.12.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (03 दिसंबर, 2016) अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग जन्म दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय दिव्यांग जन सशक्तीकरण पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार दिव्यांग जन के आर्थिक सशक्तीकरण में एक महत्वूपर्ण कारक है। सरकारी मंत्रालयों और प्रतिष्ठानों में ऐसे आवेदकों के लिए रिक्तियां आरक्षित की गई हैं। सरकार की राष्ट्रीय कौशल विकास कार्य योजना में उनका रोजगार बढ़ाने के लिए 2022 तक 25 लाख दिव्यांग जन शामिल किए जाएंगे। उन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से इस प्रयास में सक्रिय साझीदार बनने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘सुगम्य भारत’ अभियान सार्वजनिक भवनों और सार्वजनिक परिवहन में निर्बाध पहुंच बनाने की दिशा में एक श्रेष्ठ कदम है। इसी प्रकार सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने अनेक प्रकार से दिव्यांग जनों के दैनिक जीवन को सुधारने में योगदान दिया है। इससे आधुनिक सहायक सामग्रियों और उपकरणों के वितरण के सरकारी प्रयास में मदद मिलती है। ऐसे प्रयासों से न केवल लाभार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है और उनका मनोबल बढ़ता है बल्कि एक सकारात्मक जागरूकता भी पैदा होती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व जानकारी और प्रभावी प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। अनेक छोटे समझदारी भरे कदम ऐसी बिमारियों और रोगपूर्ण परिस्थितियों को रोक सकते हैं जिनसे विशेषकर असुरक्षित आयु समूह में दिव्यांगता पैदा हो सकती है। प्रतिरक्षण, रोग प्रतिरोध, बेहतर स्वच्छता, साफ-सफाई और पोषण, व्यापक मातृत्व और नवजात देखभाल ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमें पूरी शक्ति लगानी चाहिए। इस संबंध में हमारा मीडिया जागरूकता पैदा करने और सकारात्मक जागरूकता प्रस्तुत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्टजनों में श्री थावर चंद्र गहलोत, केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, श्री रामदास अठावले और श्री कृष्ण पाल गुर्जर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई।