राष्ट्रपति भवन : 18.12.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (18 दिसम्बर, 2012) वायु सेना स्टेशन, सुलुर में भारतीय वायु सेना की 25 स्क्वाड्रन और 33 स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत शांति के लिए समर्पित है और इसकी विदेश नीति इस उद्देश्य की प्राप्ति पर केन्द्रित है। इसलिए, प्रतिरोध हमारी रक्षा नीति की आधारशिला है। परंतु प्रभावी प्रतिरोध के लिए एक ऐसी सेना बनाए रखनी होगी जिसे हमारे राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी समय बुलाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी सशस्त्र सेना इस क्षमता की प्रतीक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता से 80 वर्ष पूर्व अपनी स्थापना काल से ही भारतीय वायु सेना विश्व की एक सबसे शक्तिशाली और कुशल सेना है जो हमारी राष्ट्रीय एकता के किसी भी खतरे का मुकाबला करने में सक्षम है। भारतीय वायुसेना की कार्य क्षमता राष्ट्र की सैन्य ताकत का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है।