राष्ट्रपति ने कहा, भारत और किर्गीजस्तान आतंकवाद, उग्रवाद और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खतरे से समान रूप से चिंतित हैं
राष्ट्रपति भवन : 21.12.2016

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (20 दिसम्बर, 2016) राष्ट्रपति भवन में किर्गीज गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री अल्माज्बेक शारशेनोविक अताम्बायेव और श्रीमती रायसा अताम्बायेवा का स्वागत किया।

किर्गीज राष्ट्रपति का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने अक्तूबर, 2015 में संसदीय चुनाव के सफल आयोजन तथा इस महीने के आरंभ में संवैधानिक संशोधन पर जनमत के सफल संचालन के लिए राष्ट्रपति की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत किर्गीजस्तान के साथ अपने चिरस्थायी मैत्री सम्बन्धों को महत्त्व देता है। भारत के किर्गीजस्तान सहित मध्य एशिया विशेषकर प्राचीन सिल्क मार्ग के भाग रहे देशों के साथ सभ्यतागत संबंध रहे हैं। अगले वर्ष भारत और किर्गीजस्तान राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मनाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और किर्गीजस्तान आतंकवाद, उग्रवाद और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खतरे से समान रूप से चिंतित हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किर्गीज राष्ट्रपति की यात्रा से दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों के बढ़ाने के प्रयास में गति आएगी।

तत्पश्चात, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने राजभोज अभिभाषण में कहा कि भारत ने किर्गीज गणराज्य को सदैव अपने विस्तारित पड़ोस का एक महत्त्वपूर्ण भाग माना है। बिश्केक भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों की अपेक्षा नई दिल्ली के अधिक निकट है; और नई दिल्ली बिश्केक की सबसे निकटवर्ती विश्व राजधानी है। हमारी समीपता न केवल भौगोलिक बल्कि ऐतिहासिक और सभ्यतागत भी है। हमारा एक साझा इतिहास है जो हमारी संस्कृति के बहुत से मूल तत्त्वों में झलकता है। किर्गीजस्तान में पाए गए उत्कीर्णित चित्रों के बौद्ध कथानक और प्रतिमाएं हमारे युग पुराने सम्पर्कों के प्रमाण हैं। हमारी मैत्री सोवियत युग के दौरान प्रगाढ़ हुई तथा हमारे सांसदों और नेताओं ने तभी से नियमित संपर्क बनाया हुआ है। किर्गीजस्तान के स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद, भारत के लिए, वास्तव में, हमारे चिरस्थायी सहयोगी सम्बन्ध को सुदृढ़ करना स्वाभाविक था।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि किर्गीजस्तान ने विगत पच्चीस वर्षों में अत्यधिक प्रगति की है। इसकी एक सबसे उत्कृष्टतम उपलब्धि लोकतंत्र को अनवरत प्राथमिकता और इसके प्रति निष्ठा है। इसका श्रेय महामहिम की संकल्पना और नेतृत्व को जाता है। हम भारतीय मानते हैं कि एक लोकतांत्रिक प्रणाली का अर्थ चुनावों में मतदान के आवधिक कार्य से कहीं अधिक है। एक अन्य समानता जो हमें सूत्रबद्ध करती है, वह पंथनिरपेक्षता के प्रति हमारी वचनबद्धता है। बहुलवादी समाज होने के कारण हमारे दोनों राष्ट्रों का साझा विचार है कि राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए विविध आस्थाओं और जातीयताओं वाले नागरिकों का सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व अत्यावश्यक है। हमारे साझे हित के विविध क्षेत्रों में हमारी परस्पर लाभपूर्ण साझीदारी की सफलता राष्ट्रों की मैत्री की शक्ति को दर्शाती है। उन्हें विश्वास था कि मिलकर कार्य करने से भारत और किर्गीजस्तान न केवल हमारी दोनों जनता और हमारे क्षेत्रों बल्कि विश्व की बेहतरी के लिए बहुत कुछ अर्जित कर सकते हैं।

यह विज्ञप्ति 1310 बजे जारी की गई

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