राष्ट्रपति भवन : 25.05.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 मई, 2016) को बीजिंग में विख्यात सांस्कृतिक और शैक्षिक व्यक्तियों को संबोधित किया। इस समारोह का आयोजन भारतीय दूतावास तथा चाइनिज पीपल्स एसोसिएशन फॉर फ्रेंडशिप विद फॉरेन कंट्रीज द्वारा मिलकर किया गया था।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन के बीच घनिष्ठ सहयोग की असीम संभावनाएं हैं। हमारे सम्बन्ध की पूर्ण क्षमता को साकार करना एक साझा दायित्व है। हमारी सरकारों की एक प्राथमिक भूमिका है परंतु नागरिक समाज, शिक्षा, समुदाय, बुद्धिजीवियों, सांस्कृतिक ख्याति प्राप्त लोगों और कलाकारों के प्रयास भी उतने ही महत्त्वपूर्ण हैं। वे हमारे महान संबंध—जीवित आत्मा, जो इसे निरंतर, समृद्ध और सुदृढ़ करती है, के कथावाचक और व्याख्याता हैं। उन्होंने कला और संस्कृति के क्षेत्रों के विशिष्ट प्रमुखों को भारत-चीन संबंधों का कायाकल्प करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वही असहमति और वैमनस्वय को कम कर सकते हैं। वही भारत और चीन के बीच सहयोग में वृद्धि कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह उनमें से हैं, जो यह दृढ़ विश्वास करते हैं कि 21वीं शताब्दी में हमारी एक महत्त्वपूर्ण साझीदारी है। प्रगतिशील शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जिसने हमारे प्राचीन संपर्कों को निर्धारित किया था, हमारी साझीदारी के आधारभूत अवयव बने रहेंगे।
यह विज्ञप्ति 1825 बजे जारी की गई