राष्ट्रपति ने कहा अभीष्ट लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यमिता प्रोत्साहन का समुचित वातावरण पैदा करने की आवश्यकता है
राष्ट्रपति भवन : 16.01.2016

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ‘स्टार्ट अप इंडिया’ पहल के शुभारम्भ की पूर्व संध्या पर कल (15 जनवरी, 2016) राष्ट्रपति भवन में सिलिकोन वैली के अग्रणी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, उद्यमियों, प्रौद्योगिकीविदों तथा उद्यम पूंजीपतियों के एक समूह को संबोधित करेंगे।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1600 में भारत का विश्व सकल घरेलू उत्पाद में 22.5 प्रतिशत हिस्सा था। यह 1870में कम होकर 12.3 प्रतिशत तथा 1950 में और कम होकर 3 प्रतिशत हो गया। हमारा सकल घरेलू उत्पाद आज सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2.6 प्रतिशत है। यदि हमें अपने पूर्व प्रदर्शन को दोहराहना है तथा गरीबी समाप्त करनी है तो हमें कम से कम 10 प्रतिशत की उच्च विकास दर हासिल करनी होगी और इसे 10 से अधिक वर्ष की अवधि तक कायम रखना होगा। प्रौद्योगिकी और उद्यमिता से हमारे देश का उत्पादन इष्टतम स्तर तक पहुंचेगा। इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार मांगने वालों की बजाय रोजगार देने वालों के रूप में बदलना है। मौजूदा प्रतिभा और संसाधनों की इष्टतम क्षमता का प्रयोग करना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे यहां अत्यधिक योग्यता और प्रतिभा युक्त लोग हैं परंतु जब तक उद्यमिता और जोखिम लेने की योग्यता को बढ़ावा देने का समुचित वातावरण पैदा नहीं करेंगे हम अभीष्ट लाभ प्राप्त नहीं कर सकते। आर्थिक स्वतंत्रता रहित राजनीतिक स्वतंत्रता से देश की विशाल आबादी की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 100 नए उद्यमों में से यदि 30 को सफल होना हो तो 60 के समाप्ति होने के लिए तैयार रहना चाहिए और 10 के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि वे सफल होंगी या नहीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि 114 उच्च शिक्षक संस्थाओं के कुलाधिपति के रूप में उन्होंने विगत तीन वर्षों के दौरान लगातार यह ध्यान दिलाते रहे हैं कि एक भी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय वरीयता एजेंसियों के अनुसार सर्वोच्च 200 संस्थानों में शामिल नहीं है। उन्होंने यह मानने से इंकार कर दिया कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और संस्थानों में प्रतिभा का अभाव है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई 2015 में दो भारतीय संस्थानों को सर्वोच्च 200 में स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले दो-तीन वर्षों में, और अधिक संस्थान सर्वोच्च वरीयताओं में स्थान हासिल करेंगे।

विचार-विमर्श के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, उद्यमियों, प्रौद्योगिकीविदों और उद्यम पूंजीपतियों ने कहा कि भारत स्टार्टअप क्रांति के मुकाम पर है। उन्हें भारत में बड़ी आशाएं और शानदार संभावना दिखाई देती है तथा वे भारत को सिलिकोन वैली की भांति बनाने के लिए कार्य करने तथा दायित्व के लिए भरसक प्रयास करने के इच्छुक रहे हैं। उन्होंने अनुभव किया कि उद्यमशील ऊर्जा आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक ऊर्जा है तथा भारत के लिए नवान्वेषण अपनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने भारत में उपयुक्त वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा सके और व्यवसाय करने में आसानी हो।

विचार विमर्श में शामिल उद्यमी श्री वेंकटेश शुक्ला, अध्यक्ष, टाई; श्री सुहास पाटिल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रेडल टेक्नोलोजिजद्य; श्री कृष्ण यरलागड्डा, अध्यक्ष, इमेजिनेशन टेक्नोलोजिज; श्री आदिल आदि, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वर्ल्ड लिंक, श्री एडम न्यूमैन, संस्थापक, वीवर्क, श्री सर्वजन द्विवेदी, सहसंस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पर्ल थेरेपेरिक्स; श्री कंवल रेखी, जनरल पार्टनर, इन्वेंटस कैपीटल, श्री प्रकाश भालेराव, वेंचर कैपिटलिस्ट, रेनबो इंटरप्राइजेज, श्री के.बी. चन्द्रशेखर, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जैमक्रकर इंक; श्री विनोद धाम, संस्थापक, इंडो-यू.एस. वेंचर्स; श्री निमेश मेहता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ल्यूमैन डाटा; श्री प्रकाश अय्यर, उपाध्यक्ष, ट्रिम्बल नेवीगेशन लि.; श्री सर्वजीत ठाकुर, अध्यक्ष, इंटरप्राइज सोल्यूशन्स इंक, श्री मनु रेखी, वेंचर पार्टनर, इन्वेंटस कैमीकल तथा राजू इंदुकारी, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एमट्यूटी थे।


यह विज्ञप्ति 1325 बजे जारी की गई

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.