राष्ट्रपति भवन : 31.08.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (31 अगस्त, 2013) राष्ट्रपति भवन में, केरला यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के स्वर्ण जयंती समारोहों के समापन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी आदि हमारे बहुत से राष्ट्रीय नेता पत्रकार थे। भारत में पत्रकारिता का इतिहासघ् हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से निकटता से जुड़ा हुआ है।
1910 में स्वदेशाभिमानी रामकृष्ण पिल्लै का निर्वासन, 1930 में ‘केसरी’ पर प्रतिबंध, 1938 में मलयाला मनोरमा की परिसंपत्तियों की जब्ती तथा 1942 में, भारत छोड़ो आंदोलन के समर्थन के कारण मातृभूमि के संपादक, के.ए. दामोदर मेनन की गिरफ्तारीघ् भारत के स्वतंत्रता संग्राम तथा केरल में मीडिया के इतिहास की प्रमुख परिघटनाएं हैं। राष्ट्रपति ने पूरे देश के पत्रकारों का आह्वान किया कि वे अपने पूर्ववर्तियों द्वारा स्थापित स्वर्णिम परंपराओं को बनाए रखें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय पत्रकार न केवल प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़े वरन हमारे देश की स्वतंत्रता तथा सामाजिक पूर्वाग्रहों, जाति व्यवस्था, भेदभाव आदि से समाज को मुक्त करने के लिए भी लड़े। जिन पत्रकारों ने स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया उन्होंने भारत को आजादी मिलने के बाद तथा इन नेताओं के सरकार का हिस्सा बनने के बाद इन नेताओं को भी नहीं बख्शा। उन्होंने मीडिया का आह्वान किया कि वे विवेक, समर्पण तथा विश्वास के साथ कार्य करें तथा साथ ही समाचार देते हुए अनुशासन तथा संयम का भी पालन करें। राष्ट्रपति ने केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट को पिछले 50 वर्षों के दौरान उत्तरदायित्वपूर्ण पत्रकारिता की दिशा में उनके योगदान के लिए बधाई देते हुए केरल की पत्रकार बिरादरी की भविष्य में सफलता की कामना की।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री, श्री ए.के. एंटनी, तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा जन वितरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के.वी. थामस भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1405 बजे जारी की गई।