राष्ट्रपति भवन : 31.01.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (31 जनवरी, 2013) राष्ट्रपति भवन ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में द हिंदू सेंटर फॉर पालिटिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उपस्थित राजनीतिक नेताओं, मंत्रियों, पत्रकारों, विद्वानों तथा राजनयिकों की विशिष्ट सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि द हिंदू भारत की आजादी की लड़ाई में भागीदार रहा है। एक ऐसे अनुसंधान केंद्र की जरूरत है जहां परिचर्चा और विचार-विमर्श हो सके तथा उन चुनौतियों का विभिन्न नजरियों से वस्तुनिष्ठ ढंग से विश्लेषण किया जा सके जो आज भारत के सामने मौजूद हैं। द हिंदू सेंटर इस तरह के विचार-विमर्श के लिए सबसे उपयुक्त मंच हो सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में निराशा की भावना व्याप्त है। परिचर्चा और विचार-विमर्श, असहमति और निर्णय किसी भी लोकतंत्र का सार होता है। यह अफसोस की बात है कि व्यवधान संसदीय कार्यवाही का हिस्सा बन गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इन व्यवधानों से सरकार पर कोई गंभीर दबाव बन पाता है। इससे केवल एक ही उद्देश्य पूरा होता है और वह है अपने नजरियों को प्रकट करने के दूसरे संसद सदस्यों के वैध अधिकार का हनन। इस तरह के व्यवधानों के कारण प्राय: प्रश्नकाल भी बेकार चला जाता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों की जरूरत है। कोई भी लोकतांत्रिक प्रणाली स्वतंत्र न्यायपालिका, स्वतंत्र प्रेस जैसी संस्थाओं की ताकत से ही जीवित रह सकती है। हमें यह अध्ययन करने की जरूरत है कि हमारी संस्थाओं को अधिक कारगर कैसे बनाया जा सकता है। सरकार के खर्चों को अनुमोदन देने के लिए संसद एकमात्र प्राधिकारी है। यह अफसोस की बात है कि संसद में वित्तीय मामलों पर चर्चाओं के लिए पर्याप्त समय नहीं लगाया जा रहा है।
संसदीय प्रणाली को सशक्त करने की जरूरत है। सरकार का तीसरे सोपान पर अध्ययन करते हुए यह देखने की जरूरत है कि शक्ति का वास्तविक हस्तांतरण किस प्रकार किया जा सकता है। हमें भ्रष्टाचार तथा निराशावादिता को समाप्त करने के तरीके ढूंढ़ने होंगे। सुविज्ञ परिचर्चाओं तथा विचार-विमर्शों से हम सभी को तथा समग्र प्रणाली को लाभ होगा।
राष्ट्रपति ने द हिंदू सेंटर के लक्ष्यों की तथा जन नीति संस्था के रूप में कार्य करने की इसकी इच्छा की भारी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि द हिंदू 134 वर्षों से अधिक समय से देश की सेवा कर रहा है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि हिंदू सेंटर फॉर पॉलिटिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी भारतीय राजनीति और लोकनीति के लिए महत्त्वपूर्ण सभी मुद्दों पर अनुसंधान और चर्चा के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच बनेगा।
इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री, श्री एच.डी. देवेगौडा, संप्रग अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी, भारतीय जनता पार्टी नेता, श्री एल.के. अडवाणी, सी.पी.एम. महासचिव, श्री प्रकाश करात, मंत्रीगण श्री फारूक अब्दुल्ला, श्रीमती जयंती नटराजन, श्री जी.के. वासन, श्री जितिन प्रसाद तथा श्री शशि थरुर आदि उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1640 बजे जारी की गई