राष्ट्रपति भवन : 03.04.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (03 अप्रैल, 2017) विक्रमशिला विश्वविद्यालय स्मारक और संग्रहालय की यात्रा की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस उच्च शिक्षा के प्राचीन केंद्र स्थल पर स्थापित किए जा रहे हैं। विक्रमशिला विश्वविद्यालय और स्मारक और संग्रहालय आकर प्रसन्नता हुई ये एक ऐसे युग को प्रतिबिंबित करते हैं जहां शिक्षण की समृद्ध संस्कृति इस क्षेत्र में फली-फूली। यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि विगत कुछ दशकों के दौरान श्रमपूर्ण खुदाई के बाद इस शिक्षण पीठ के नवीकरण का निर्णय किया गया है। उन्होंने इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विक्रमशिला का पुनरुद्धार हमारी सभ्यतागत परंपरा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की ज्ञानसृजन और प्रचार की एक दीर्घ परंपरा रही है। सुदुर देशों के विद्वान हमारी प्राचीन सभ्यता के दर्शन और प्रज्ञा द्वारा आकर्षित होकर निरंतर हमारे देश में आते रहे। प्राचीन भारत में विक्रमशिला, नालंदा और तक्षशिला आदि जैसे विश्वविद्यालयों ने विश्वभर के विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय की महानता को पुनर्जाग्रत करना आवश्यक है।
यह विज्ञप्ति 1755 बजे जारी की गई।