राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि, भारत के विकास के सभी क्षेत्रों में मोजाम्बिक का साझीदार बनने के लिए तत्पर है
राष्ट्रपति भवन : 06.08.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (5 अगस्त, 2015) महामहिम श्री फिलिपे जसीन्तो न्यूसी, मोजाम्बिक गणराज्य के राष्ट्रपति तथा डॉ. (श्रीमती) इजौरा फर्राओ का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया।

श्री न्यूसी का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने मोजाम्बिक का चतुर्थ राष्ट्रपति चुने जाने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद एशिया में अपने पहले गंतव्य के रूप में भारत को चुनने के लिए श्री न्यूसी की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मोजाम्बिक के साथ अपने संबंधों को अत्यधिक महत्त्व देता है। भारतीय कंपनियों ने मोजाम्बिक में अपने कुछ विशालतम विदेशी निवेश किए हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मोजाम्बिक के राष्ट्रपति की यात्रा से भारत और मोजाम्बिक के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध और साझीदारी घनिष्ठ होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को मोजाम्बिक के आर्थिक विकास की निरंतर उच्च दर को देखकर प्रसन्नता होती है। हाल में प्राकृतिक गैस और खनिजों की खोज से भविष्य उज्ज्वल है। भारत विकास के सभी क्षेत्रों में मोजाम्बिक का साझीदार बनने के लिए तत्पर है। गैस के निर्यात के जरिए मोजाम्बिक की अर्थव्यवस्था का अपेक्षित विकास व्यापार और निवेश के और अवसर उपलब्ध करवाता है। दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार को विविधतापूर्ण बनाने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।

अपने राजभोज अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि यह राजकीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मोजाम्बिक अपने राजनीतिक संबंधों की स्थापना के 40 वर्ष मना रहे हैं। भारत को यह देखकर खुशी होती है कि तब से मोजाम्बिक ने गरीबी कम करने, साक्षरता बढ़ाने, अपनी जनता को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने तथा अपने कृषि उत्पादन में अच्छी-खासी वृद्धि हासिल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले दो दशकों के दौरान आंतरिक शांति तथा स्थिरता सुनिश्चित करके तथा व्यापक पैमाने पर सुधारों को शुरू करके मोजाम्बिक ने खुद को अफ्रीका की एक सबसे तेजी से प्रगति करती हुई अर्थव्यवस्था में बदल डाला है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं की बहुत सी अनुपूरकताओं से लाभ उठाने तथा कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा तथा मोजाम्बिक के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के दोहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के पर्याप्त अवसर हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल तथा हिंद महासागर रिम एसोसियेशन सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोजाम्बिक के साथ अपने सहयोग को महत्त्वपूर्ण मानता है। संयुक्त राष्ट्र के 70वें वर्ष में भारत इन चिरप्रतीक्षित सुधारों की दिशा में मोजाम्बिक तथा अफ्रीकी संघ और दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्सुक है।

राष्ट्रपति जी ने इस अवसर पर यह दोहराया कि भारत, अफ्रीका के साथ अपनी साझीदारी के प्रति पूर्णत: प्रतिबद्ध है। भारत, इस वर्ष अक्तूबर में तृतीय भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यह शिखर सम्मेलन हमारी जनता के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रगति प्रदान करने के लिए नवीन तथा सृजनात्मक विचार प्रदान करेगा।

उनके प्रत्युत्तर में मोजाम्बिक के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारत घर जैसा लगता है तथा उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद में बिताए हुए छात्र जीवन को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान हुए विचार-विमर्श उपयोगी तथा सार्थक रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में सहयोग मिलेगा तथा दोनों देशों की जनता और करीब आएगी।

यह विज्ञप्ति 12:30 बजे जारी की गई।

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