राष्ट्रपति भवन : 04.11.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा कल (05नवम्बर, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत से संबंधित दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की प्रमुख इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी चुनौतियों के समाधान के लिए एक खाका तैयार करने हेतु सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा भारतीय विज्ञान संस्थान की संयुक्त पहल ‘इम्प्रिंट इंडिया’ आरंभ की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘इम्प्रिंट इंडिया’ विवरणिका का विमोचन करेंगे तथा प्रथम प्रति भारत के राष्ट्रपति को सौपेंगे। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी उपस्थित जन को संबोधित करेंगी।
‘इम्प्रिंट इंडिया’ आरंभ करने का विचार 22अगस्त, 2014 को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के अध्यक्षों, गवर्नर बोर्ड और निदेशकों के सम्मेलन के दौरान सामने आया था। यह प्रधानमंत्री के इस सुझाव पर आधारित है कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों द्वारा किया गया अनुसंधान समग्र समाज की तात्कालिक जरूरतों से जुड़ना चाहिए।
इस पहल का उद्देश्य (1) नवान्वेषण की आवश्यकता वाले समाज के तात्कालिक प्रासंगिक क्षेत्रों की पहचान (2) वैज्ञानिक अनुसंधान की पहचाने गए क्षेत्रों में उन्मुखता (3) इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए अत्यधिक निधि सहायता सुनिश्चित करना (4) ग्रामीण/शहरी इलाकों के जीवन स्तर पर प्रभाव के संबंध में अनुसंधान प्रयास के परिणामों का आकलन करना है।
इम्प्रिंट इंडिया दस विषयों पर ध्यान देगा और प्रत्येक का समन्वयन इन एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान/भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा किया जाएगा:
(क) स्वास्थ्य देखभाल - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर
(ख) कम्प्यूटर विज्ञान और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर
(ग) उन्नत सामग्री- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
(घ) जल संसाधन और नदी तंत्र- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
(ड.) सतत शहरी अभिकल्पना- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की
(च) रक्षा-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
(छ) विनिर्माण-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
(ज) नैनो-प्रौद्योगिकी हार्डवेयर-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे
(झ) पर्यावरणीय विज्ञान और जलवायु परिवर्तन-भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर तथा
(ण) उर्जा सुरक्षा-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे
इन दस समन्वयन संस्थानों ने विस्तृत विचार-विमर्श किया है और अनुसंधान के प्रत्येक क्षेत्र के उन विशिष्ट विषय तक पहुंचे हैं,जिनकी तात्कालिक सामाजिक प्रासंगिकता है। इम्प्रिंट इंडिया कुलाध्यक्ष सम्मेलन के दौरान आरंभ किया जा रहा है ताकि शैक्षिक समुदाय के बीच व्यापक विचार-विमर्श हो सके जिससे इन क्षेत्रों के विभिन्न संस्थानों के बीच और अधिक वैज्ञानिक सहयोग हो पाए। केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा और अनुसंधानों, राष्ट्रीय फैशल प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय इंजीनियरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर, राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान,रायबरेली, राजीव गांधी युवा विकास संस्थान,श्री पेरुम्बुदुर तथा योजना तथा वास्तुकला विद्यालय, भोपाल और नई दिल्ली के सर्वोच्च अनुसंधान समुदाय तथा वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इम्प्रिंट इंडिया आरंभ किए जाने के समारोह तथा कुलाध्यक्ष सम्मेलन में भाग लेंगे जहां आगे विचार-विमर्श किया जाएगा।
यह विज्ञप्ति 13:00 बजे जारी की गई।