राष्ट्रपति भवन : 10.11.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विवाद समाधान के वैकल्पिक तरीके समय की जरूरत है। वह आज (10 नवम्बर 2012) भारत के उच्चतम् न्यायालय की मध्यस्थता और समझौता परियोजना समिति के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान के भारतीय न्याय उपलब्धता प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बन जाने पर ही भारत के आम आदमी की बेहतरी हो सकेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को पहले मुकदमों के बजाय मध्यस्थता करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में जिला न्यायालय और न्यायपालिका प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं और उसे निभाना भी चाहिए। उन्हें वादी को विश्वास दिलाना चाहिए कि मध्यस्थता से संवेदनशीलता युक्त फायदा जुड़ा है। इसमें कोई विजयी या पराजित नहीं होता है। इसकी कोई सीमा या बाधा नहीं है। यह एक व्यावाहारिक और लचीला रास्ता है जो सभी के लिए हितकारी है।
उच्चतम् न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अल्तमस कबीर और केन्द्रीय विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद भी समारोह में भाग ले रहे थे।
यह विज्ञप्ति 1340 बजे जारी की गई