राष्ट्रपति भवन : 19.12.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 दिसम्बर, 2012) सुरी विद्यासागर कॉलेज, सुरी, बीरभूम, जहां उन्होंने अनेक वर्ष अध्ययन किया था, के सम्मान समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने, प्रदान की जा रही शिक्षा के स्तर को बनाए रखने और उसके उन्नयन के लिए शिक्षा संस्थानों का आह्वान किया। विश्वविद्यालयों को अपने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति पैदा करने और एक पाठ्यक्रम विकसित करने की जरूरत है जो शोध और नवान्वेषण की प्रगति को प्रोत्साहित करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा सुलभ करवाने के लिए, वित्तीय सहायता में छात्रवृत्तियां, शैक्षिक ऋण और ‘पढ़ाई के साथ-साथ कमाई’ जैसी स्वयं सहायता योजनाएं निरंतर शामिल होनी चाहिए। देश में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए, ‘मुक्त’ और ‘दूरवर्ती’ शिक्षण जैसे लचीले मॉडल दूरगामी पहल हैं, इन्हें प्रोत्साहित और मजबूत किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें भारत के लाभकारी जनसांख्यिकी अनुपात का पूरा फायदा उठाना चाहिए तथा हमारी अर्थव्यवस्था का सतत् आर्थिक विकास उपयुक्त मानव पूंजी निर्माण पर निर्भर होगा।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई