राष्ट्रपति जी ने युवा वैज्ञानिकों से भूख, निर्धनता, निरक्षरता और स्वाथ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए सत्य को उजागर करने का आह्वान किया
राष्ट्रपति भवन : 07.12.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (6 दिसंबर, 2013) शांतिनिकेतन में राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान, विश्व भारती तथा एस आर एम विश्वविद्यालय के सहयोग से एम.एस. स्वामीनाथन अनुसंधान फाउंडेशन द्वारा आयोजित पांचवीं भारतीय युवा विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी प्रभावशाली प्रौद्योगिकीय और आर्थिक प्रगति के बावजूद, निर्धनता और कुपोषण अभी भी व्यापक रूप से मौजूद हैं। खाद्य उत्पादन में भरपूर वृद्धि के लिए और अधिक प्रौद्योगिकीय उन्नति आवश्यक है। हमारी बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दूसरी हरित क्रांति आरंभ करनी होगी। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से भूख, निर्धनता, निरक्षरता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए सत्य को उजागर करने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हमारे संसाधनों की सततता के प्रति एक गंभीर खतरा बना हुआ है। विशेषकर कृषि उत्पादन और खाद्य उपलब्धता पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पर अत्यधिक गंभीरता से ध्यान देना होगा। हमें मौसम की असामान्यता का सामना करने के लिए सर्वोत्तम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा। याद रखें कि मानसून और बाजार किसानों की बेहतरी के दो प्रमुख कारक हैं। हमारे वैज्ञानिक समुदाय को बाजार के जोखिम को कम करने के लिए मानसून प्रबंधन पर उचित ध्यान देना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि जोखिम की कल्पना के कारण लोग कुछ क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय विकास को व्यापक तौर पर स्वीकार नहीं कर रहे हैं। हमारे वैज्ञानिकों को इस बारे में स्पष्टीकरण देने और किसी प्रकार की गलतफहमी को दूर करने के लिए आम जनता के साथ संपर्क करना चाहिए। उन्हें जनता के साथ संपर्क के सशक्त माध्यम स्थापित करने होंगे। हमारे वैज्ञानिकों को जन परिचर्चाओं में भाग लेना होगा तथा उन्हें अधिक स्पष्टता से समझाना होगा। जनता को हमारे वैज्ञानिक समुदाय के प्रौद्योगिकीय प्रयासों में एक उत्साही भागीदार बनाना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक विश्व शक्ति बनने की दहलीज पर है। हम विश्व में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। प्रौद्योगिकीय शक्ति के रूप में हमारी हैसियत इस नई भूमिका को निर्धारित करेगी। हमें प्रौद्योगिकीय उन्नति के माध्यम से ऊंची छलांग लगानी होगी। हमें धीरे-धीरे प्रौद्योगिकी के आयातक के बजाय निर्यातक बनना होगा। हमारे देश को प्रौद्योगिकीय श्रेष्ठता के शिखर की ओर अग्रसर करने का दायित्व हमारे युवा वैज्ञानिकों पर है।

यह विज्ञप्ति 1410 बजे जारी की गई।

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