राष्ट्रपति भवन : 01.09.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (01 सितंबर 2014) जम्मू में जम्मू विश्वविद्यालय को 14वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को नवान्वेषणों के उत्प्रेरक बनाने की जरूरत है। उनको उद्योग एवं सरकार के साथ सहयोगात्मक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विश्वविद्यालयों की उद्यमिता क्रियाकलापों में संविदा अनुसंधान, परामर्श,पेटेंट, लाइसेंस, संबंधित उत्पाद, कंपनियों की शुरुआत तथा सेवित करना आदि शामिल हो सकते हैं। यह जरूरी है कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों और शिक्षाविदों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उचित परिवेश की रचना करें।
राष्ट्रपति ने जम्मू विश्वविद्यालय को इस बात के लिए बधाई दी कि वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं वैज्ञानिक उत्कृष्टता कार्यक्रम के तहत 29 विश्वविद्यालयों में शामिल है। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय को उसने जेनेवा में ‘वर्ल्ड लेबोरेटरी यूरोपियन काउंसिल फॉर न्यूक्लियर रिसर्च’ द्वारा आयोजित लार्ज हॉड्रोन कोलाइडर एक्सपेरिमेंट में भारतीय टीम के भाग के तौर पर ‘ए लार्ज इयॉन कालाइडर एक्सपेरिमेंट’ में भाग लेकर विश्वस्तरीय अनुसंधान का हिस्सा बनने के लिए बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि भदरवाह में नेश्नल एप्पल जर्मप्लास्म रिपोजिटरी की स्थापना वास्तव में देश के एक महत्वपूर्ण अनुवांशिकी संस्थान के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विश्वविद्यालय ने जम्मू-कश्मीर में पहली बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 101वें सत्र की मेजबानी की है। ये सभी मान्यताएं नेतृत्व के गुणों तथा उसी के समान संकाय,अनुसंधान तथा तकनीकी कर्मचारी, विद्यार्थियों और अन्य भागीदारों के अथवा प्रयासों के प्रति सम्मान हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य अपने 9 विश्वविद्यालयों तथा 300 से अधिक संबद्ध कॉलेजों के साथ देश में ज्ञान का केंद्र बनकर उभर रहा है। ये सभी संस्थान शिक्षण तथा अनुसंधान में सहयोग करते हुए तथा साझा अनुसंधान सुविधाओं की स्थापना करते हुए लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय का आह्वान किया कि वह छात्रों एवं संकाय सदस्यों को खासकर स्थानीय और क्षेत्रीय जरूरतों से संबंधित नवीन अनुसंधान क्षेत्रों के क्षेत्र में कार्य का अवसर देने के लिए अनुसंधान संकुलों की स्थापना तथा उद्योगों एवं अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग की दिशा में आगे बढ़े।
यह विज्ञप्ति 1755 बजे जारी की गई।