राष्ट्रपति भवन : 21.10.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (21 अक्तूबर, 2013) शिलांग में मेघालय विधान सभा के सदस्यों को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने मेघालय विधान सभा के सदस्यों को पिछले विधान सभा चुनावों में भारी मतदान के लिए तथा कम से कम व्यवधान के साथ विधान सभा में कार्य संचालन के लिए बधाई दी। उन्होंने यह उम्मीद व्यक्त की कि दूसरी विधान सभाएं भी मेघालय विधान सभा का अनुकरण करेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि विधान सभा करारोपण तथा वित्त के मामले में कार्यपालिका की स्वामी है। वित्तीय मामलों पर चर्चा में अभी जितना समय लगाया जा रहा है, वह पर्याप्त नहीं है तथा विधान सभाओं को अधिक सत्र आयोजित करने चाहिए तथा अधिक समय तक बैठकें करनी चाहिए। यदि लोकतंत्र को मजबूत करना है तो यह जरूरी है। चुने गए पद पर बैठे हर व्यक्ति ने इस पद पर आने के लिए मत मांगे हैं। कार्यवाहियों में व्यवधान तथा दूसरों को बोलने से रोकना मतदाताओं द्वारा अपने प्रतिनिधियों में दर्शाए गए विश्वास के प्रति विश्वासघात है।
राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक संस्थाओं को मजबूत नहीं किया जाता। भारत में लोकतंत्र इसलिए टिका रहा है क्योंकि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने हमें मजबूत संस्थाएं स्थापित करके दी थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि विधान सभाओं को ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए तथा सिविल समाज की उन तक पहुंच होनी चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. के.के. पॉल, मेघालय के राज्यपाल, डॉ. मुकुल संगमा, मेघालय के मुख्यमंत्री तथा मेघालय विधान सभा के अध्यक्ष, श्री अबू ताहेर मंडल भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1850 बजे जारी की गई।