राष्ट्रपति जी ने स्वीडन के निवेशकों से कहा कि वे अपने कौशल का लाभ हमें प्रदान करें तथा हम उन्हें क्षमता उपलब्ध कराएंगे
राष्ट्रपति भवन : 02.06.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (02 जून 2015) स्वीडन में व्यावसायिक नेताओं तथा उद्यमियों के साथ एक गोलमेज परिचर्चा में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने एक व्यावसायिक संगोष्ठी में ‘भारत-स्वीडन साझीदारी- एक उज्ज्वल भविष्य का साझा निर्माण’ विषय पर व्याख्यान दिया।

इस संगोष्ठी में भाग लेने वालों में जैकब वालेन्बर्ग, अध्यक्ष निवेशक; हांस वेस्टबर्ग, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक्सन; हाकन बुस्खे, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी साब; ओलोफ फैक्सेंडर, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैंडविक; एंडर्स ग्रंडस्ट्रोमर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्कानिया/प्रबंधक निदेशक,स्कानिया इंडिया; कार्ल हेनरिक स्वानबर्ग,अध्यक्ष वोल्वो ग्रुप तथा गोरान वेस्टरबर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रुस्टा शामिल थे।

स्वीडन के कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि वे भारत में अपने निवेश को बढ़ाने तथा और अधिक लोगों को रोजगार पर लगाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने जहां सरकार की ‘भारत में निर्माण’ पहल तथा अन्य प्रचलित सुधार उपायों का तहेदिल से स्वागत किया वहीं उन्होंने भारत में व्यवसाय को संचालित करने में आने वाली कठिनाइयों की ओर भी ध्यान दिलाया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति जी ने इन मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार उद्योग तथा निवेशकों के प्रति तत्पर है। यह देश में निवेश और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त परिवेश तैयार कर रही है। निवेशकों तथा अधिकारियों के बीच निरंतर संवाद से खास समस्याओं के समाधान पर पहुंचने में सहायता मिलेगी।

बाद में व्यावसायिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत-स्वीडन व्यावसायिक संबंध बहुत पहले 20वीं सदी से शुरू हुए, जब एरिक्सन अपने मैनुअल स्विच तथा टेलीफोन प्रणालियों को लेकर भारत आए थे। स्वीडिश मैच ने अपनी निर्माणी (विम्को) 1926 में भारत में स्थापित की थी। तब से स्वीडन की बहुत सी अन्य कंपनियों ने अपना व्यवसाय भारत में स्थापित किया है। भारत में अभी 70 संयुक्त उद्यम तथा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां हैं। स्वीडन में मौजूद 50 भारतीय कंपनियों से भारत से स्वीडन की ओर निवेश भी आना शुरू हो गया है।

राष्ट्रपति जी ने दोनों ओर के व्यवसायियों से आग्रह किया कि वे भारत-स्वीडन संबंधों को नया रूप दें तथा नया आयाम दें। भारत में निवेश के लिए स्वीडन की फर्मों द्वारा दिखाए गए उत्साह का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र, जनसंख्या तथा मांग, ये तीन कारक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका निवेश भारी सफलता प्राप्त करे।

यह उल्लेख करते हुए कि भारत इस वर्ष के अंत तक खरीद क्षमता समता के मामले में 8 ट्रिलियन अमीरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है तथा इसका अंतरराष्ट्रीय व्यापार शीघ्र ही 1 बिलियन अमरीकी डालर पार कर जाएगा, राष्ट्रपति जी ने स्वीडन के निवेशकों का आह्वान किया कि वे अपने कौशल का लाभ हमें प्रदान करें। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा उन्हें अपेक्षित क्षमता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत और स्वीडन को आगे बढ़ने के लिए अपने साझा ज्ञान को बांटना चाहिए।

राष्ट्रपति जी ने इस मौके पर स्वीडन के सभी नागरिकों को ई-वीजा देने की घोषणा की।

यह विज्ञप्ति1900 बजे जारी की गई।

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