राष्ट्रपति भवन : 10.09.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 सितम्बर, 2013) राष्ट्रपति भवन में स्वास्थ्य मंत्रियों की 31वीं बैठक तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय समिति के 66वें सत्र का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह विश्वास है कि इस क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक तथा इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय समिति के सत्र से संपूर्ण क्षेत्र की प्रगति का नक्शा तैयार होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य का सबसे बेहतर स्तर सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की तात्कालिक जरूरत है। तथापि, इसके लिए संबंधित सरकारों द्वारा बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्र में एक अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने वाली प्रणाली तक सभी की पहुंच होनी चाहिए। यह जरूरी है कि इस क्षेत्र के देश, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा दृष्टिकोण के आधार पर रोकथाम तथा प्रचार गतिविधियों; उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के प्रयोग; तथा जहां तक संभव हो, घरेलू संसाधनों पर आधारित जन स्वास्थ्य प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त करें।
उन्होंने कहा कि सभी समुदायों के लिए वैज्ञानिक रूप से विश्वसनीय पेशेवरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा तथा प्रशिक्षण पर सुचिंतित निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि औषधियों और टीकों की आपूर्ति तथा संभरण में मौजूद खामियों का भी प्राथमिकता के आधार पर समाधान निकाला जाना चाहिए। ग्रामीण तथा शहरी, विभिन्न स्तरों पर स्वास्थ्य के अनुश्रवण तथा शासन में सामुदायिक सहभागिता के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत करना भी अत्यावश्यक है।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्री गुलाम नबी आज़ाद, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कलयाण मंत्री, डॉ. नाफ्सिया म्बोई, इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री, सुश्री संतोष चौधरी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री तथा डॉ. मार्ग्रेट चान, महानिदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1430 बजे जारी की गई।