राष्ट्रपति भवन : 12.08.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 अगस्त, 2014) भारतीय संसदीय समूह द्वारा आयोजित एक समारोह में श्री अरुण जेटली, डॉ. कर्ण सिंह और श्री शरद यादव को क्रमश: वर्ष 2010, 2011 और 2012 के लिए असाधारण सांसद पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने स्व. श्री इंद्रजीत गुप्त, श्री अटल बिहारी वाजपेयी,स्व. श्री चंद्रशेखर, श्री सोमनाथ चटर्जी,श्री एल.के. आडवाणी तथा डॉ. मनमोहन सिंह जैसे विशिष्ट सांसदों को याद किया जो पूर्व में इस प्रतिष्ठित सम्मान के प्राप्तकर्ता रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मान में उन प्रख्यात सांसदों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने हमारे लोकतांत्रिक परंपराओं को सुदृढ़ तथा संसदीय प्रणाली को समृद्ध करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह हमारे उन सर्वोत्कृष्ट सांसदों को सम्मानित करता है जिन्होंने सदन की गरिमा कायम रखी है तथा संसदीय आचरण में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्री अरुण जेटली,डॉ. कर्ण सिंह तथा श्री शरद यादव उन सांसदों की प्रख्यात परंपरा के सुयोग्य उत्तराधिकारी हैं जिन्होंने पूर्व में ये पुरस्कार प्राप्त किए हैं। वे हमारे देश और जनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहे हैं। उन सभी ने हमारे संसदीय जीवन में बहुत अधिक योगदान दिया है।
यह ध्यान दिलाते हुए कि 1861 के इंडियन काउंसिल्स एक्ट के आरंभ से भारत का संसदीय आचरण का एक दीर्घ इतिहास है, राष्ट्रपति ने कहा संसदीय लोकतंत्र एक महान विरासत है जिसे सहेज कर, संरक्षित करके और संजोकर रखना होगा।
राष्ट्रपति ने बहुमत दल के नेता के रूप में संसद की सीढ़ियों पर सर झुकाकर तथा इस महान संस्था को सम्मान देकर अपनी पारी शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे हमारे स्वतंत्रता संघर्ष की प्रतीक इस संसद की प्रतिष्ठा, सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने उनसे कहा कि वे सदैव याद रखें कि केवल वे ही हर महत्वपूर्ण दायित्व को पूरा कर सकते हैं।
यह विज्ञप्ति 2025 बजे जारी की गई।