राष्ट्रपति भवन : 24.08.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (24 अगस्त 2014) शिवपुर, हावड़ा, पश्चिम बंगाल में देश के पहले भारतीय इंजीनियरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा तथा बुनियादी कौशलों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। विभिन्न संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। अनुसंधान एवं नवान्वेषण साथ-साथ होने चाहिएं तथा उन्हें हमारे देश की विविध विकासात्मक समस्याओं के समाधान पर केंद्रित किया जाना चाहिए। यह भी जरूरी है कि उद्योग एवं शिक्षा संस्थान औद्योगिक प्रगति तथा अकादमिक कायापलट के लिए मिल-जुलकर कार्य करते हुए उपयुक्त तालमेल एवं परिवेश तैयार करें। राज्य स्तर के संस्थानों के, जो उच्च शिक्षा क्षमता के 96 प्रतिशत हैं, गुणवत्ता उच्चीकरण को उच्च प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने मानव प्रयासों के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए भारतीय इंजीनियरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतीय इंजीनियरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान आज नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रौद्योगिकी, चिकित्सा एवं पर्यावरण विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक चुनौतियों के समाधान में सक्रिय रूप से जुटा हुआ है। इस संस्थान के कार्य में कुछ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र आपदा प्रबंधन; स्वच्छ कोयला तकनीक; विद्युत इलैक्ट्रॉनिकी; दूर संवेदिता तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली; अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी; जैव रसायन सेंसर; अवसंरचना इंजीनियरी; वीएलएसआई तथा एंबेडेड प्रणालियां हैं।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में न्यायमूर्ति श्रीमती मंजुला चेल्लुर, कलकत्ता उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश, डॉ पार्था चटर्जी,प्रभारी मंत्री, उच्च शिक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार; एम. आनंद कृष्णन, अध्यक्ष, संचालन मंडल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, श्री तरुण विजय, सांसद सदस्य, प्रो. अजेय कुमार रे, निदेशक भारतीय इंजीनियरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, शिवपुर तथा डॉ विमान बंद्योपाध्याय, कुलसचिव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान शिवपुर शामिल है।
यह विज्ञप्ति 1745 बजे जारी की गई।