राष्ट्रपति भवन : 08.09.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (08 सितंबर 2014) विज्ञान भवन में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में साक्षर भारत पुरस्कार 2014 प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि एक साक्षर और शिक्षित समाज लोकतांत्रिक तरीकों से समावेशी आर्थिक और सामाजिक कल्याण की दिशा में अपना रास्ता बेहतर ढंग से खोज सकता है। इसका अर्थ यह है कि जितना साक्षर समाज होगा उसका समग्र एकीकरण, प्रगति और विकास उतना ही अधिक होगा। इसलिए निरक्षरता को मिटाने की कार्य योजना न केवल साक्षरता के ठोस पहलुओं पर केंद्रित होनी चाहिए बल्कि इसके अमूर्त और अंतर्निहित पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने महिला साक्षरता की दिशा में अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं। यदि यह मिशन भारतीय महिला को अपने जीवन और स्वास्थ्य का ध्यान रखने में सक्षम कर सके और वह अपने आसपास भौतिक और सामाजिक वातावरण में अधिक आत्मविश्वास महसूस करे, यदि वह साक्षरता अभाव, भेदभाव और अन्याय को दूर करने में उसकी मदद कर सके तो हम कह सकते हैं कि एक महत्वपूर्ण उद्देश्य हासिल हो गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की समग्र साक्षरता की दिशा में प्रगति की सफलता अंतत: दो कारकों पर निर्भर करेगी। एक, सार्थक और प्रभावी समर्थन तथा दूसरा, निरक्षरों को साक्षरता की मुख्यधारा में लाने के लिए समग्र समाज का सहयोग और मदद।
इस अवसर पर श्रीमती स्मृति जुब़िन ईरानी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री भी उपस्थित थीं।
यह विज्ञप्ति 1320 बजे जारी की गई।