राष्ट्रपति भवन : 30.09.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (30 सितम्बर 2013) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में खादी चिह्न का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि खादी में अत्यंत कम पूंजी के साथ कारीगरों के घरों में ही रोजगार का सृजन करने की अनोखी क्षमता है। वर्षों के दौरान, खादी ने दस लाख से अधिक कारीगर परिवारों में अभावों और पिछड़ेपन से उभरने की उम्मीद जगाई है। यह आज भी ग्रामीण भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बना हुआ है।
राष्ट्रपति ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को खादी को पहचान प्रदान करने के लिए खास कदम उठाने पर बधाई दी, जिसकी वह सच्ची हकदार है। उन्होंने कहा कि खादी का चिह्न एक नवीन पहल है जो कि खादी के उत्पाद की गुणवत्ता और शुद्धता को इंगित करेगा। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वस्त्र बाजार में इसको स्थान बनाने के लिए तथा ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए एक खास पहचान प्रदान करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह खादी चिह्न ग्राहकों को शुद्ध खादी खरीदने में तथा उत्पादकों को अपना जीवन स्तर सुधारने में सही मायने में लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि खादी के चिह्न की शुरुआत से खादी सेक्टर की विकास क्षमता के पूर्ण उपयोग में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में श्री एच. मुनियप्पा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री माधव लाल, सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा श्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1930 बजे जारी की गई।