राष्ट्रपति भवन : 11.04.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 अप्रैल 2015) नई दिल्ली में मेघालय सरकार द्वारा आयोजित तथा पूर्वोत्तर परिषद द्वारा प्रायोजित सांस्कृतिक महोत्सव ‘पूर्वोत्तर के गीत और नृत्य’का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अपनी कम जनसंख्या के बावजूद उन्होंने राष्ट्र को अपार योगदान दिया है। इस क्षेत्र के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया। उनकी अनेक राजनीतिक हस्तियों ने राष्ट्रीय जीवन को समृद्ध किया है। अपने आतिथ्य सत्कार और विनम्रता के लिए प्रख्यात इस क्षेत्र के लोगों के लिए गीत-नृत्य और संगीत रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा है। इस क्षेत्र में दुर्लभ वनस्पति और जीव, प्राकृतिक सौंदर्य तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हैं। पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध, सांस्कृतिक प्राचीनता और विविधता का प्रदर्शन करने वाला यह महोत्सव पूर्वोत्तर राज्यों और शेष भारत के लोगों के बीच के अंतर को पाटने में मदद करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र में हो रहे आर्थिक विकास से इस इलाके के लोग ही नहीं बल्कि समूचा देश लाभान्वित होगा। पूर्वोत्तर की अवस्थिति के लाभ और समृद्ध संसाधनों की देन से यह भारत के पूर्वी पड़ोसियों के साथ संबंधों के लिए एक आदर्श केन्द्र बन गया है। इस क्षेत्र की,सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के कार्यान्वयन में एक अहम भूमिका है,जिसका उद्देश्य विश्व के तीव्रतम गति से विकसित हो रहे देशों में शामिल आसियान के दस देशों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करना है।
यह विज्ञप्ति 14:50 बजे जारी की गई।