राष्ट्रपति भवन : 11.02.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 फरवरी, 2014) तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत में पोलियो उन्मूलन के समारोह में भाग लिया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि पोलियो के खिलाफ भारत की सफलता वास्तव में देश में सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा की दिशा में एक उपलब्धि है। इससे संक्रामक और गैर संक्रामक रोगों से प्रतिरक्षा और उपचार के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयोग किए गए नवान्वेषी साधनों और कार्यनीतियों की प्रामाणिकता सिद्ध होती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विशेषज्ञों को आशंका थी कि भारत की उच्च जन्म दर, जनसंख्या घनत्व, खराब स्वच्छता तथा इस रोग के बारे में कम जागरूकता के कारण पोलियो उन्मूलन के उद्देश्य को पूरा करना लगभग असंभव होगा। आज, भारत ने दिखा दिया है कि भारत जैसी घनी आबादी वाले और अति विशाल विकासशील राष्ट्र में स्वास्थ्य प्रशासन के सम्मुख सभी रुकावटों के बावजूद पोलियो जैसे रेगों का उन्मूलन संभव है। पोलियो पर हमारी विजय से भारत तथा दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के अन्य देशों को पोलियो मुक्त के रूप में प्रमाणीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि आज वास्तव में उत्सव का दिन है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष में कई बार लगभग 2.3 बिलियन प्रतिरक्षकों के जरिए पोलियो उन्मूलन का आयोजन और सफल उपलब्धता तथा इन अभियानों के सकारात्मक परिणाम अत्यंत उत्साह, पूर्ण प्रतिबद्धता तथा समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने की शानदार योग्यता के बिना संभव नहीं हो पाते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के स्वास्थ्य विभागों का नेतृत्व तथा राजनीतिक सहयोग, दृढ़ राजनीतिक संकल्प तथा समाज के सभी वर्गों की भागीदारी ने यह सफलता दिलवाई। यह एक बार फिर साबित हो गया है कि यदि काम को एकजुट होकर तथा समर्पण के साथ किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि रोग और वायरस की कोई सीमा नहीं है। पोलिया वायरस का नियंत्रण और उन्मूलन हमारे सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के उन अग्रणी कार्यकर्ताओं, स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं, प्रतिरक्षकों, स्वास्थ्य कर्मियों और सामुदायिक संगठनकर्ताओं के लिए एक प्रमुख चुनौती था, जिन्होंने इसे संभव बनाया। उन्होंने प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने के लिए प्रतिकूल भूभागों, खराब मौसम और अपरिचित स्थानीय परिस्थितियों का साहस के साथ सामना किया। प्रेरित करने और लाखों बच्चों को प्रतिरक्षा दवाई पिलाने के लिए उनकी टीमें एक व्यापक राष्ट्रीय नेटवर्क में व्यवस्थित रूप से फैल गई। उनके अभियान सुसमन्वित और पहले से व्यापक रूप से प्रचारित थे और हमारे देश के कोने-कोने में चलाए गए। हम एक आभारी राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करते हैं तथा आज उनके बहुमूल्य योगदान की सराहना करते हैं।
राष्ट्रपति ने उन अभिभावकों, दादा-दादियों, नाना-नानियों तथा समाज के सभी वर्गों के देखभालकर्ताओं की सराहना की जिन्होंने निर्धारित सतर्कता बरती तथा निर्धारित अंतराल पर प्रत्येक खुराक सुनिश्चित करते हुए, अपनी देखरेख में बच्चों को समय पर प्रतिरक्षक दवा पिलवाई। लोकप्रिय फिल्मी सितारों और अन्य मशहूर हस्तियों और हजारों सहयोगियों सहित सामुदायिक और धार्मिक नेताओं, शिक्षकों, डॉक्टरों और कार्यकर्ताओं ने इस व्यापक राष्ट्रीय प्रयास में नि:स्वार्थ भाग लिया। चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ, रोटरी इंटरनेशनल तथा बिल और मेलिंडा फाउंडेशन सहित दानकर्ताओं ने अपना अमूल्य योगदान दिया और सभी स्तर पर खुलकर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हम इस सुखद अवसर पर उनके बहुमूल्य योगदान को साभार स्वीकार करते हैं।
राष्ट्रपति ने यह बल देकर कहा कि इस स्थिति पर पहुंचने पर, हमारे लिए सदैव सतर्क और चौकस रहना जरूरी है, जब तक पूरी दुनिया पोलियो के वायरस से मुक्त नहीं हो जाती तब तक पुन: संक्रमण का जोखिम बना रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें अब एक पोलियो मुक्त विश्व का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्टजनों में भारत के प्रधान मंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह, राष्ट्रीय परामर्शी परिषद की अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, श्री गुलाम नबी आजाद, लोक सभा में विपक्ष की नेता, श्रीमती सुषमा स्वराज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री ए.एच. खान चौधरी और श्रीमती संतोष चौधरी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, डॉ. मारग्रेट चान तथा रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री रॉन डी बर्टन शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1940 बजे जारी की गई।