राष्ट्रपति भवन : 21.11.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (21 नवम्बर 2013) कोलकाता में भारत के चार्टरित लेखाकारों के संस्थान द्वारा ‘लेखांकन पेशा: भावी विकास के उभरते आयाम’ पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा आर्थिक परिवेश ने वित्तीय और लेखांकन की दुनिया में बहुत से मुद्दे पैदा किए हैं। चार्टरित लेखाकारों को प्रबंधन तथा वित्तीय लेखाविवरणों का प्रयोग करने वालों को परामर्श देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करना होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि लेखांकन पेशे के सदस्य अपनी लेखा रिपोर्टों के माध्यम से अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को निष्पादित करते हैं। इस जिम्मेदारी को विधिवत् ढंग से पूरा करने से लेखापरीक्षक न केवल अपने पेशे के प्रति बल्कि उन संस्थाओं के प्रति भी जनता का भरोसा जगाते हैं जिनकी वे लेखा परीक्षा करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि लेखांकन पेशे की कसौटी जनहित में कार्य करने के प्रति उसका दायित्व है। वित्तीय संकटों की मौजूदा बाढ़ ने, गुणवत्तायुक्त वित्तीय सूचना उपलबध कराने, बाजार में व्यवस्था बनाए रखने तथा वित्तीय बाजार में विभिन्न भागीदारों के बीच भरोसा पैदा करने में इस पेशे द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।
यह विज्ञप्ति 1820 बजे जारी की गई।