राष्ट्रपति जी ने कहा कि सतत् ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित स्रोतों से ऊर्जा को जुटाना अत्यावश्यक है।
राष्ट्रपति भवन : 15.11.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (15 नवंबर, 2013) मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र प्रशिक्षण विद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को अपनी विशाल जनता के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए आर्थिक प्रगति की गति बढ़ाने हेतु विद्युत ऊर्जा की भारी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह अत्यावश्यक है कि हम सतत् ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक तथा गैर-पारंपरिक सभी संभावित स्रोतों से ऊर्जा को जुटाएं। हमारे विशाल देश के सभी इलाकों में वर्षभर न्यूनतम ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत में ऊर्जा के मिश्रण में परमाणु ऊर्जा एक अपरिहार्य विकल्प बन गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जहां हम सिविल-न्यूक्लीयर पहलों के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ परमाणु ऊर्जा में सहयोग शुरू कर रहे हैं। वहीं स्वदेशीकरण संबंधी प्रयास भी जारी रहने चाहिए। उन्होंने परमाणु ऊर्जा समुदाय से आग्रह किया कि एल.डब्ल्यू.आर. प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए तैयारी करें, जिससे स्वदेशी तथा विदेशी प्रोद्योगिकियों में अधिकतम तालमेल हो और भारतीय जनता को वहनीय तथा सुरक्षित तरीके से परमाणु ऊर्जा प्रदान की जा सके।

राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में परमाणु चालित आई.एन.एस. अरिहंत का जलावतरण भारत की परमाणु सुरक्षा क्षमताओं का साक्षी है। हमें परमाणु सुरक्षा तथा रक्षा के क्षेत्रों में उच्चतम अर्हता प्राप्त तथा सक्षम परमाणु वैज्ञानिकों और इंजीनयरों और परियोजना प्रबंधकों की नवीन पीढ़ी की जरूरत है।

यह विज्ञप्ति 2000 बजे जारी की गई।

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