राष्ट्रपति जी ने कहा कि प्रशांत द्वीप समूह राष्ट्र भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के महत्त्वपूर्ण कारक हैं
राष्ट्रपति भवन : 20.08.2015

भारत-प्रशांत द्वीप समूह राष्ट्र सहयोग मंच के द्वितीय शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों ने आज (20 अगस्त, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति जी ने प्रशांत द्वीप समूह के राष्ट्रों के सभी राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों का भारत में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भले ही भारत और प्रशांत द्वीप समूह के देशों के बीच कोई समुद्रों और देशों की दूरी है परंतु भारत को उनके साथ प्रगाढ़ मैत्री की दीर्घकालीन परंपरा पर गर्व है। भारत सरकार प्रशांत द्वीप समूह राष्ट्रों के अपने मित्रों से अपने संबंधों को बहुत महत्त्वपूर्ण मानती है। भारत का मानना है कि प्रशांत महाद्वीप के राष्ट्र इसकी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के महत्त्वपूर्ण कारक हैं।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत को भारत-प्रशांत द्वीप समूह राष्ट्र सहयोग मंच के द्वितीय शिखर सम्मेलन का आयोजन करते हुए खुशी हो रही है। इस मंच की स्थापना हमारे देशों और उसकी जनता के बीच स्थाई साझीदारी बनाने की, इसके सभी सदस्य राष्ट्रों की इच्छा को प्रदर्शित करती है। प्रशांत द्वीप समूह के देशों को प्रचुर प्राकृतिक संसाधन मिले हैं। भारत को उनके खनिज, समुद्री तथा हाईड्रोकार्बन संसाधनों के दोहन में उनका सहयोग करने पर खुशी होगी। भारत सरकार तथा निजी क्षेत्र अपने द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत तथा विविधीकृत करने तथा मत्स्यपालन, कृषि, तेल एवं प्राकृतिक गैस, खनन तथा जन-अलवनीकरण में निवेश को बढ़ावा देने की इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए हमारी उम्मीदवारी को उनके समर्थन की भारत सराहना करता है। यह वर्ष संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ का वर्ष है। अगले महीने आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की आगामी बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार तथा विस्तार पर चर्चा तथा ठोस प्रस्तावों पर विचार होने की उम्मीद है। एक अन्तर सरकारी विचार-विमर्श प्रस्ताव पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है, जिसके लिए भारत को उनके समर्थन की जरूरत है। हमारे देश वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार की साझा प्रतिबद्धता से बंधे हुए हैं, जिससे वे विकासशील देशों की साझा आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकें। भारत का मानना है कि हमें संयुक्त राष्ट्र महासभा की भावी बैठक में इन काफी लंबे समय से लंबित सुधारों पर जोर देने के लिए मिलजुलकर कार्य करना होगा।

द्वितीय भारत-प्रशांत महाद्वीप राष्ट्र शिखर सम्मेलन का 21 अगस्त, 2015 को जयपुर में आयोजित होगा। भारत-प्रशांत महाद्वीप राष्ट्र अर्थात् फीजी, कुक आइलेंड्स, किरिबाती, मार्शल आईलेंड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, नुई, पलाऊ, पपुआ न्यूगिनी, समाओ, सोलोमन आइलेंड्स, टोंगा, तुवालू तथा वनातू, शामिल हैं।

यह विज्ञप्ति 09:30 बजे जारी की गई।

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