राष्ट्रपति जी ने कहा कि नवान्वेषण को प्रोत्साहित करें और उसका सृजन करें
राष्ट्रपति भवन : 20.12.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 दिसम्बर, 2013) चेन्नै में लोयोला कॉलेज के वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र स्कूल का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि लोयोला कॉलेज ने पिछले पांच वर्षों के दौरान 131 पीएचडी शिक्षक तैयार किए हैं तथा लोयोला कॉलेज के विद्यार्थियों को पिछले पांच वर्षों में 439 अंतर्राष्ट्रीय तथा 433 राष्ट्रीय अनुसंधान प्रकाशनों का श्रेय जाता है। यह भी प्रशंसनीय है कि लोयोला कॉलेज ने 8 पेटेंटों और 8 आवेदनाधीन पेटेंटों के माध्यम से औद्योगिक अनुसंधान में नाम कमाया है।

राष्ट्रपति ने कहा ‘‘नवान्वेषण भावी आर्थिक प्रगति की कुंजी है। चीन और अमरीका विश्व में नवान्वेषण में सबसे आगे है तथा वर्ष 2011 में दोनों ने 5 लाख पेटेंट आवेदन प्रस्तुत किए हैं। भारत ने केवल 42000 पेटेंट आवेदन प्रस्तुत किए हैं और वह चीन और अमरीका से बहुत पीछे है। उन्होंने कहा ‘हमें नवान्वेषण के प्रोत्साहन तथा सृजन के लिए अपनी प्रणालियों में सुधार लाना होगा तथा ऐसी प्रणाली स्थापित करनी होगी जिससे विदेशों में कार्यरत भारतीय अनुसंधानकर्ता हमारे देश में अल्पकालीन परियोजनाओं में कार्य के लिए लौटें।’

राष्ट्रपति ने नए भवन के लिए उदारतापूर्वक दान देने के लिए लोयोला कॉलेज के पूर्व विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि येल और स्टॉन्फोर्ड भी इसी तरह बने थे। राष्ट्रपति ने लोयोला कॉलेज का आह्वान किया कि वह दृढ़ता तथा निरंतरता से उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देना जारी रखें।

यह विज्ञप्ति 1610 बजे जारी की गई।

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