राष्ट्रपति जी ने कहा कि दृष्टिबाधितों द्वारा दिखाया गया धैर्य, अदम्य मानवीय जज्बे की ताकत का उदाहरण है
राष्ट्रपति भवन : 19.11.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी 18 नवम्बर 2013 को राष्ट्रपति भवन में सुश्री शिप्रा दास द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘‘द लाइट विदिन’’ की प्रथम प्रति स्वीकार की।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने सुश्री शिप्रा दास को हमारे समाज के ऐसे कुछ असाधारण सदस्यों के चित्रों के संवेदनापूर्ण चित्रण के लिए बधाई दी जो दृष्टिहीन होते हुए भी आश्चर्यजनक व्यक्तिगत विजय प्राप्त करने में सफल रहे हैं। विशाल प्रतिकूलताओं पर दृष्टिबाधितों की विजय से यह सिद्ध होता है कि हर प्रकार की कठिनाइयों के बावजूद अपना लक्ष्य पाया जा सकता है बशर्ते हम उनका सामना साहस, दृढ़निश्चय तथा आत्मविश्वास से करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने के दौरान इसके अंदर चित्रित छोटे बच्चों, पुरुषों और महिलाओं, युवाओं एवं वृद्धों के आशावाद से वह बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने पाया कि इनमें से बहुत से लोगों ने दृश्यमान तथा प्रत्यक्ष से आगे देखने की क्षमता के बारे में, अपने हृदय से देखने की, आपकी आंतरिक दृष्टि पर निर्भर रहने की, तथा उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ने की जिनसे वे संपर्क में रहते हैं, जो बात की है वह जादुई और चमत्कारिक है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर दुख हुआ कि जिन दृष्टिबाधितों का साक्षात्कार लिया गया था उनमें से बहुत से लोगों को घर में तथा घर से बाहर शोषण का शिकार होना पड़ा।

राष्ट्रपति ने यह कहा कि उन्होंने भी यह पाया कि शिप्रा की पुस्तक में शामिल दृष्टिबाधित नायक खुद को असाधारण नहीं मानते परंतु यह बहुत ही खास बात है कि वे सृजनात्मक तथा प्रसन्नचित सहनशीलता के साथ दुनिया को देखते हुए किस तरह दुनिया में अपनी राह बनाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकाशन से निश्चित रूप से पाठकों को दृष्टिबाधितों की भारी क्षमताओं का अहसास हो पाएगा। इनके अनुभवों से नि:संदेह, न केवल इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों को वरन् हममें से उनको भी प्रेरणा मिलेगी जो उन जैसे लोगों की सहायता के लिए आगे आना चाहते हैं।

राष्ट्रपति ने समाज के सभी वर्गों के, विशेषकर, युवाओं- विद्यालयों तथा तकनीकी और इंजीनियरी संस्थानों का आह्वान किया कि वे इस पुस्तक में शामिल लोगों के अनुभवों को पढ़ें और ऐसे नवान्वेषी तथा तकनीकी समाधान प्रदान करें जो उनके दैनिक जीवन में प्रयोग किए जा सकें।

यह विज्ञप्ति 1120 बजे जारी की गई।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.