राष्ट्रपति जी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही उच्च विकास दर पर लौटेगी।
राष्ट्रपति भवन : 14.09.2013

भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्तमान लेखा तथा वित्तीय घाटे को कम करने और औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के विभिन्न उपायों के परिणामस्वरूप,देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही उच्च विकास दर पर लौटेगी। वह आज कोलकाता में बंगाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 160वें स्थापना वर्ष समारोह में उसकी वार्षिक आम बैठक के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि आमतौर पर भारत के राष्ट्रपति चेम्बर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते परंतु इस शहर से उनके लंबे समय से जुड़े रहने तथा बंगाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के संभवतः देश में सबसे पुराना होने के कारण,आज के समारोह को अपवाद बनाया गया है।

राष्ट्रपति ने अर्थव्यस्था की धीमी गति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008-09 में विकास दर 9 प्रतिशत से अधिक से घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गयी । इसके बाद अर्थव्यवस्था की दर 2009-2010 तथा 2010-11 के दौरान क्रमशः 8.7 प्रतिशत और तथा 9.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी। उन्होंने कहा कि यह मंदी इसलिए आई क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था 2008-09 की मंदी के रुझान से पूरी तरह से नहीं उभर पाई । उन्होंने आगे कहा कि `विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी तथा यूरो जोन में निरंतर संकट के कारण हमारी अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है;लेकिन निराशा और हताशा का कोई कारण नहीं है।` राष्ट्रपति ने कहा कि 1951 से 1979 के दौरान हमारे विकास का,उतार-चढ़ाव का इतिहास रहा है, जब यह विकास दर 2008-09 से तीन अत्यंत खराब वर्षों के बावजूद,पिछले दशक के दौरान 3.5 से धीरे- धीरे बढ़कर 7.9 प्रतिशत हुई। उन्होंने इसका श्रेय,भारतीय अर्थव्यवस्था के कतिपय मूलभूत तत्वों को देते हुये इस बात पर ज़ोर दिया कि रुपये के अवमूल्यन,उच्च मुद्रास्फीति,रोजगार सृजन की दर में कमी की समस्या के समाधान के लिए उपचारात्मक उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने,कृषि सेक्टर में रिकार्ड उत्पादन और नई विनिर्माण नीति के कारण,जिसमें विनिर्माण सेक्टर का अपना योगदान 15-16 प्रतिशत से बढ़ाकर, सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत करने की परिकल्पना की गई है,भारत की अर्थव्यवस्था की वापसी पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों का भरोसा मजबूत करने के लिए कई कानून लाई है और कई यथासमय आएंगे।

राष्ट्रपति ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स से आग्रह किया कि पश्चिम बंगाल के, भारत के पूर्वी/उत्तर-पूर्वी भाग के और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार और वाणिज्य के मार्ग में, एक अच्छी अवस्थित पर होने के कारण, वे एशियाई देशों में मौजूद अवसरों का लाभ उठाएँ,जो हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के नए अवसर प्रदान कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने इस समारोह की स्मृति में चेम्बर के एक फ़लक का भी अनावरण किया। इस समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल,श्री एम.के नारायण और बंगाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष,श्री कल्लोल दत्ता भी शामिल थे।

यह विज्ञप्ति 2108 बजे जारी की गई।

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