राष्ट्रपति भवन : 02.06.2015
स्वीडन के नरेश कार्ल XVI गुस्ताफ और महारानी सिल्विया ने विगत संध्या (1 जून 2015)राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के सम्मान में राजभोज का आयोजन किया।
राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत स्वीडन के साथ अपनी दीर्घकालीन मैत्री को अत्यंत महत्व देता है। यद्यपि दोनों देश भौगोलिक रूप से एक दूसरे से दूर हैं परंतु दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति साझी प्रतिबद्धता द्वारा जुड़े हुए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अधिकांश मुद्दों पर भारत और स्वीडन के विचार एक समान हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुस्तरीय मंचों पर मिलकर सहयोग कर रहे हैं, जहां भारत उस समर्थन की सराहना करता है जो उसने स्वीडन से प्राप्त हुआ है और हो रहा है। भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए इसकी उपयुक्त दावेदारी को स्वीडन के समर्थन की तथा स्वीडन के उन सक्रिय प्रयासों की सराहना करता है जिनसे स्वीडन के अध्यक्षताकाल के दौरान आर्कटिक परिषद में भारत को प्रेक्षक की हैसियत प्राप्त करने में मदद मिली।
भारत के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस यात्रा के दौरान किए गए द्विपक्षीय समझौतों से उन बहुत से क्षेत्रों में और अधिक सार्थक संबंध बनेंगे,जिनमें भारत और स्वीडन के प्रत्यक्ष अनुपूरक रिश्ते हैं। उन्होंने स्वीडन के लोगों को उनकी सर्जनात्मकता तथा दक्षतापूर्ण नवान्वेषणों के लिए बधाई दी तथा विश्व को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण और जीवन में बदलाव लाने वाले आविष्कार प्रदान करने के लिए उनका धन्यवाद किया।
यह विज्ञप्ति1100 बजे जारी की गई।