राष्ट्रपति भवन : 06.02.2014
संघीय गणराज्य जर्मनी के महामहिम राष्ट्रपति श्री जोकिम गौक ने कल (05 फरवरी, 2014) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्ट्रपति ने बैठक के बाद, उनके सम्मान में एक राजभोज का आयोजन किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत साझे मूल्यों पर आधारित भारत-जर्मनी कार्यनीतिक साझीदारी को उच्च प्राथमिकता देता है। भारत जर्मनी को एक चिरस्थायी और घनिष्ठ मित्र मानता है। जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक साझीदार है। 2012 में भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय व्यापार 17.5 बिलियन यूरो था। परंतु दोनों देशों के बीच वाणिज्य बढ़ाने की काफी संभावना है। राष्ट्रपति ने जर्मनी द्वारा भारत को प्रदत्त विकास सहायता की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह अत्यंत संतोष का विषय है कि भारत और जर्मनी में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक सुदृढ़ साझीदारी है। दोनों देशों को, वर्तमान वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में मूलभूत सुधार करने के प्रयास जारी रखने चाहिए।
अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, श्री गौक की यात्रा को मैत्री और सहयोग के चिरस्थायी संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए जर्मनी और भारत के लिए एक और अवसर के रूप में देखता है। यह कार्यनीतिक साझीदारी, दशकों के दौरान परस्पर लाभकारी संबंधों की पूर्ण क्षमता को साकार करने की, हमारे दोनों राष्ट्रों की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतिफल है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कंपनियां जर्मनी में अधिकाधिक निवेश और अधिग्रहण कर रही हैं और भारत इसके बदले में, देश की भौतिक अवसंरचना में और अधिक जर्मन निवेश के अपार अवसर देख रहा है। हम भारत के बढ़ते उपभोक्ता बाजार में जर्मनी के लघु और मध्यम उद्यमों की भागीदारी की भी अपेक्षा रखते हैं। आज, हमें न केवल यूरोप में अपने सबसे बड़े साझीदार के रूप में जर्मनी पर नाज है बल्कि हम जर्मन विकास सहायता को भी बहुत महत्व देते हैं जिससे भारत में उन्नत प्रौद्योगिकी लाने तथा नवीकरणीय ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास करते हुए, भारत के ऊर्जा कौशल को बढ़ाने में मदद मिली है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे दोनों देश लोकतंत्र और स्वतंत्रता के गढ़ हैं। दोनों व्यक्ति के अधिकारों, विधि के शासन तथा स्वतंत्र मीडिया का सम्मान करते हैं। राष्ट्रपति ने लोकतंत्र और मानव अधिकारों को बढ़ावा देने में जर्मन राष्ट्रपति की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता तथा योगदान के लिए बधाई दी और कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनकी यात्रा भारत व जर्मनी कार्यनीतिक साझीदारी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और इससे आने वाले दिनों में संयुक्त प्रयासों की कार्यसूची निर्धारित होगी।
जर्मन राष्ट्रपति ने स्वागत राजभोज में कहा कि जर्मनी भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख साझीदार मानता है। जर्मनी 21वीं शताब्दी में भारत द्वारा अपनाए गए आधुनिकता के पथ की प्रशंसा करता है। एक कामयाब भारत, जो अपने नागरिकों को शांति और स्वतंत्रता से जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है, एशिया और वास्तव में समूचे विश्व को एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। ऐसा भारत एक ऐसे मुक्त समाज को बढ़ावा देता है जो बहुलवाद और लोकतंत्र का प्रतीक है। यह जरूरी है कि भारत और जर्मनी सुरक्षा, विकास, वैश्विक व्यापार तथा जलवायु सुरक्षा जैसे विश्व मुद्दों पर घनिष्ठता से समन्वय करें।
यह विज्ञप्ति 1220 बजे जारी की गई।