राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत-चीन संबंध एशिया एवं विश्व की स्थिरता तथा विकास के लिए बुनियादी हैं
राष्ट्रपति भवन : 15.12.2014

श्रीमती सुमित्रा महाजन, लोक सभाध्यक्ष ने आज (15 दिसम्बर 2014) राष्ट्रपति भवन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में श्री तरुण विजय,संसद सदस्य (राज्य सभा) द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘एन ओडिसी इन टिबेट- ए पिलग्रिमेज टु कैलाश मानसरोवर’ के चीनी संस्करण को जारी किया।

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी अपने खराब स्वास्थ्य के कारण इस समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। अत: इस समारोह में राष्ट्रपति जी की ओर से श्री वेणु राजामणि,राष्ट्रपति के प्रेस सचिव द्वारा संदेश पढ़ा गया।

अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं श्री तरुण विजय को वर्षों से संसद में एक सहयोगी के रूप में,एक प्रमुख पत्रकार के रूप में तथा ऊर्जावान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जानता हूं।

मैंने वर्ष 2011 में प्रकाशित उनकी इस पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण को पढ़ा तथा इसे दिलचस्प और रुचिकर पाया। यह पुस्तक भारतीय तीर्थयात्री के अवचेतन दर्शन पर एक गहन चिंतन है। कैलाश पर्वत तथा मानसरोवर की पवित्र यात्रा करते हुए यात्री जिन विभिन्न आध्यात्मिक अनुभवों से गुजरता है, श्री विजय ने उनका पूर्ण सघनता के साथ उल्लेख किया है।’

मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि इस पुस्तक का अब सिचुआन विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अध्ययन केन्द्र द्वारा चीनी भाषा में अनुवाद किया गया है तथा यह ‘अंडरस्टेंडिंग इंडिया’ नामक श्रृंखला की पहली पुस्तक होगी।

भारत और चीन प्राचीन सभ्यताएं हैं और हमारे लोगों के बीच प्रगाढ़ संबंधों का लंबा इतिहास रहा है। हमारे दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध एशिया एवं विश्व की स्थिरता तथा विकास के लिए बुनियादी हैं। इस वर्ष सितंबर माह के दौरान चीन जनवादी गणतंत्र के राष्ट्रपति, शी चिन्पिंग की भारत की राजकीय यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच शांति एवं समृद्धि के लिए कार्यनीतिक एवं सहयोगात्मक साझीदारी के विकास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। हमारे दोनों देश आज वैश्विक आदान-प्रदान के रोमांचक दौर में प्रवेश करने के कगार पर हैं जहां वैश्विक कल्याण के लिए विचारों और संसाधनों का उपयोग विश्व-शांति तथा कल्याण के लिए एक प्रमुख धुरी के रूप में कार्य कर सकता है।

मुझे विश्वास है कि श्री तरुण विजय की यह पुस्तक हमारी दो महान सभ्यताओं के बीच आपसी बोध और समझ बढ़ाएगी तथा भारत और चीन की जनता के बीच खोज और आदान-प्रदान की और अधिक यात्राओं को प्रेरित करेगी।

मैं श्री विजय तथा सिचुआन विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अध्ययन केन्द्र को इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए बधाई देता हूं तथा चीनी जनता के बीच भारत के बारे में और अधिक जानकारी के प्रसार के उनके प्रयासों में सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्री मनोहर पार्रिकर, केन्द्रीय रक्षा मंत्री; श्री पी.जे. कुरियन, उपाध्यक्ष,राज्यसभा; श्री दत्तात्रेय होसबोले, संस्थापक ट्रस्टी, वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट्स एंड यूथ; श्री पियूष गोयल, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत मंत्रालय, कोयला एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा श्री राव इंद्रजीत सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) योजना मंत्रालय तथा राज्यमंत्री, रक्षा मंत्रालय उपस्थित थे।

 

यह विज्ञप्ति1940 बजे जारी की गई।

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