राष्ट्रपति भवन : 23.04.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 अप्रैल, 2013) एक समारोह में इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन के 42वें विश्व सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन के वैश्विक मानव संसाधन विकास पुरस्कार भी प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ‘नई व्यावसायिक व्यवस्था में उन्नत संगठनों के लिए क्षमता निर्माण’ विषय पर यह सम्मेलन उपयुक्त समय पर आयोजित किया गया है क्योंकि विश्व को अभी 2008 के वित्तीय संकट तथा हाल ही के यूरोजोन संकट के संयुक्त असर से उबरना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलनों द्वारा अनुभवों का आदान-प्रदान, समाज एवं जीवन की बेहतरी के लिए विश्व-भर में कार्यरत मानव संसाधन विकास पेशेवरों के लिए एक अन्यतम् संसाधन बनने की इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिपेलेपमेंट आर्गनाइजेशन की परिकल्पना को पूरा करने का अच्छा माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था वित्तीय संकट से उबरने का प्रयास कर रही है, विश्व में व्यवसाय करने के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन से, विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का विषय हमारी विकास संबंधी समस्याओं का समाधान ढूंढने की दृष्टि से बहुत प्रासंगिक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में, हम चाहेंगे कि हमारे उद्योग विश्व के सर्वोत्तम उद्योगों से सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा करें। उन्होंने कहा कि कुशल मानव शक्ति तथा सक्षम प्रबंधन पेशेवरों की उपलब्धता इस कार्यनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के अपने राष्ट्रीय लक्ष्य की प्रप्ति के लिए, समता तथा सामाजिक न्याय के साथ कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करने के लिए, भारत को भी अपने सामाजिक सेक्टर की क्षमताओं का विकास करने की जरूरत है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विकास का लाभ देश के प्रत्येक, खासकर समाज के हासिये पर तथा पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर मौजूद नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने यह उम्मीद व्यक्त की कि इस सम्मेलन से भारत में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति ने इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन तथा इन्डियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट का आह्वान किया कि वे वैयक्तिक तथा संगठनात्मक कारगरता में सुधार संबंधी मानव संसाधन प्रयासों के लिए नीति निर्माण एवं कार्यान्वयन में अपनी भूमिका निभाते रहें।
यह विज्ञप्ति 1930 बजे जारी की गई