राष्ट्रपति जी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से नवीन, उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति भवन : 23.08.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से नवीन, उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास के हमारे प्रयासों तथा हमारी घरेलू जरूरतों के लिए विभिन्न आंतरिक समाधानों के विकास में उनका उपयोग करने और उन्हें समान आवश्यकता वाले अन्य विकासशील देशों को निर्यात करने में प्रमुख भूमिका निभाने का आह्वान किया। वह 22 अगस्त, 2014 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संचालक मंडलों के अध्यक्षों तथा निदेशकों के सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा दी गई प्रस्तुतियां उनकी स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय संबंधों के प्रति प्रतिबद्धता, उन्नत अनुसंधान की उनकी इच्छा तथा उनके तालमेलपूर्ण उद्योग-अकादमिक सहयोग के प्रयासों को रेखांकित करते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से प्राप्त कुछ महत्त्वपूर्ण सुझावों में अच्छी परिपाटियों को एक-दूसरे के साथ साझा करना, प्रकाशित परचों की संख्या को प्रतिवर्ष तीन से पांच तक बढ़ाने का प्रयास करना; संकाय सदस्यों के विकास तथा उन्हें अपने यहां बनाए रखने के लिए पोस्ट-डॉक्टोरल संस्कृति को बढ़ावा देना; पाठ्यचर्या का निरंतर सशक्तीकरण तथा उन्नयन तथा प्रति-संस्थान बहुत सी कंपनियों के साथ सहयोग शामिल है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इशान विकास—छुट्टियों के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों के स्कूली बच्चों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों के निकट संपर्क में लाने की व्यापक योजना की संकल्पना के बारे में जानकर खुशी हुई। मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की परिषद को इस पहल के समन्वय तथा शीघ्र कार्यान्वयन की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक को प्रौद्योगिकी आधारित अभिगम एवं विशाल खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रमों पर प्रस्तुत देते देकर खुशी हुई है। ये पाठ्यक्रम विकासोन्मुखी हैं तथा इन्हें भारत में परंपरागत शिक्षा पद्धतियों के अनुपूरक के रूप में, विशेषकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में, प्रयोग किया जाना चाहिए। यह अत्यावश्यक है कि इनके क्रियान्वयन तथा सामग्री विकास के लिए एक सुव्यवस्थित समय-सीमा रखी जाए जिसका प्रमुख लक्ष्य इन पाठ्यक्रमों को भारत केंद्रित बनाना हो।

इस एक दिवसीय सम्मेलन की कार्यसूची में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग में सुधार; अनुसंधान एवं नवान्वेषण को बढ़ावा देना;शिक्षण एवं ऑनलाइन अभिगम में प्रौद्योगिकी का प्रयोग; समुदाय के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संबंधों में प्रगाढ़ता लाना तथा संसाधन जुटाना और पूर्व विद्यार्थियों की सहभागिता शामिल थी। इस समारोह में संचालक मंडल के 29 अध्यक्षों और निदेशकों ने भाग लिया।

यह विज्ञप्ति 0820 बजे जारी की गई।

 

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.