राष्ट्रपति जी ने आह्वान किया कि त्याग तथा नि:स्वार्थता की उस विरासत को आत्मसात् करें, 175 वर्ष पुराना मिदनापुर कॉलेजिएट स्कूल जिसका प्रतीक है
राष्ट्रपति भवन : 06.05.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने सभी संबंधितों का आह्वान किया कि वे त्याग तथा नि:स्वार्थता की उस भावना को आत्मसात करें, 175 वर्ष पुराना मिदनापुर कॉलेजिएट स्कूल जिसका प्रतीक है।

 
President Calls Upon All To Celebrate The Heritage Of Sacrifice And Selflessness That The 175 Year Old Midnapore Collegiate School Represents

राष्ट्रपति जी आज (6 मई, 2013) पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनिपुर जिले के मिदनापुर कॉलेजिएट स्कूल के 175वें वार्षिक समारोह के समापन कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे।

राष्ट्रपति ने स्मरण करते हुए कहा कि मिदनापुर कॉलेजिएट स्कूल की स्थापना, 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से केवल 23 वर्ष पूर्व 1834 में हुईर् थी। उन्होंने इंगित किया कि 175 वर्ष की अवधि पूर्ण करना किसी भी संस्था के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण अवसर होता है।

 
President Calls Upon All To Celebrate The Heritage Of Sacrifice And Selflessness That The 175 Year Old Midnapore Collegiate School Represents

राष्ट्रपति ने 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के बटवारे के विरुद्ध जन आंदोलन का तथा लोगों द्वारा, खासकर इस जिले के छात्र समुदाय द्वारा इस आंदोलन में भाग लेने का उल्लेख किया। बंगाल के बटवारे के उत्तर में स्वतंत्रता सेनानियों के एक समूह का मानना था कि केवल सशस्त्र क्रांति से ही स्वतंत्रता मिल पाएगी। इस प्रकार सशस्त्र क्रांति का बीजारोपण मेदिनीपुर जिले में हुआ था। खुदीराम बोस तथा हेमचंद्र कानूनगो जैसे इस स्कूल के बहुत से पूर्व विद्यार्थी तथा शिक्षक क्रांतिकारी थे। इन सशस्त्र क्रांतिकारियों ने डगलस, पैडी तथा बर्ज नामक तीन जिलाधीशों की हत्या की। श्री बर्ज की हत्या इस स्कूल के पूर्व विद्यार्थी श्री अनाथबंधु पांजा ने की थी।

इस स्कूल के संस्थापकों को भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान करते हुए, श्री मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने ऐसे समय में एक अंग्रेजी हाई स्कूल खोलने का निर्णय लिया था जब कि ओरियंटलिस्ट तथा एंग्लिसिस्ट के बीच बेहतर शिक्षा प्रणाली पर गर्मागर्म बहस चल रही थी। उन्होंने कहा कि इस स्कूल को संत (ऋषि) राजनारायण बसु जैसे सुप्रसिद्ध व्यक्ति को प्रधानाध्यापक के रूप में पाने का गौरव हासिल है जिन्हें राष्ट्रीय बगवात का पितामह कहा जाता है। राजनारायण 1851 से 1866 के बीच इस स्कूल के प्रधानाध्यापक थे।

राष्ट्रपति ने याद किया कि 1966-67 में खुद उनका राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ, जब वे श्री सुशील कुमार धर के नेतृत्व में एक राजनीतिक बैठक में भाग लेने के लिए मेदिनिपुर जिले में आए थे।

 
President Calls Upon All To Celebrate The Heritage Of Sacrifice And Selflessness That The 175 Year Old Midnapore Collegiate School Represents

राष्ट्रपति ने स्कूल के ऑडिटोरियम तथा सेमिनार हाल की आधारशिला रखी।

इस समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, श्री एम.के. नारायणन, राज्यमंत्री, डॉ. सुदर्शन घोष दस्तीदार तथा अन्य विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे।

यह विज्ञप्ति 2050 बजे जारी की गई

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