राष्ट्रपति भवन : 03.09.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (3 सितंबर, 2013) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 11वीं एशिया-प्रशांत डाक संघ कांग्रेस का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि 32 देशों का यह अन्तर सरकारी संगठन, एशिया-प्रशांत डाक संघ, सदस्य देशों के बीच डाक सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में पूरी दुनिया में डाक प्रशासनों को कुछ अलग ढंग से सोचने की जरूरत है। उन्होंने डाक प्रशासन का आह्वान किया कि वे बदलाव के लिए पहल कदमी करें। उन्हें अपनी खूबियों का उपयोग लोगों को गुणवत्तायुक्त सेवाएं प्रदान करने में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाक प्रशासन पर पूरी दुनिया में लोगों को भरोसा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्वीकरण तथा कार्मिकों के विभिन्न देशों के बीच आसानी से आवागमन के कारण, डाक सेक्टर के लिए नए अवसर खुले हैं। धन-प्रेषण चैनलों की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर, एशिया-प्रशांत डाक संघ के सहयोग से, इसमें बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि डाक सेवाओं को ई-कामर्स से जुड़ने की तथा इस तरह व्यावसायिक उत्पादों की बढ़ती मांग से आय की बहुत गुंजाइश है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अपनी बेजोड़ पहुंच के चलते एशिया-प्रशांत डाक संघ, सफलता प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह संघ न केवल डाक सेक्टर के सामने उपस्थित चिंताओं के समाधान के लिए वरन् अप्रयुक्त अवसरों का पता लगाने के लिए भी उपयुक्त मंच है।
इस अवसर पर डॉ. क्रुपा रानी किल्ली, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्रीमती पी. गोपीनाथ, सचिव, डाक विभाग तथा श्री मार्क लावले, एशिया-प्रशांत डाक संघ की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1350 बजे जारी की गई।