राष्ट्रपति भवन : 12.11.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 नवम्बर 2012) राष्ट्रपति सम्पदा में एक आवास परिसर की आधारशिला रखी। उन्होंने राष्ट्रपति सचिवालय के अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए पचास टाइप-II मकानों के निर्माण की पट्टिका का अनावरण किया।
राष्ट्रपति की सचिव श्रीमती ओमिता पॉल, शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री सुधीर कृष्ण, के.लो.नि.वि. के महानिदेशक श्री राकेश मिश्रा और के.लो.नि.वि. की चीफ आर्किटेक्ट श्रीमती शोभना चटर्जी इस अवसर पर उपस्थित थी।
राष्ट्रपति सचिवालय के 13 ब्लॉकों में फैले टाइप-I वर्ग में कुल 576 आवास हैं। बहुत से मकानों का निर्माण 1927 से 1932 के दौरान किया गया था। ये अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और अपना जीवनकाल पूरा कर चुके हैं तथा आर्थिक रख-रखाव व मरम्मत से परे हैं। राष्ट्रपति संपदा की पुनर्विकास योजना के अन्तर्गत, इन क्वार्टरों के स्थान पर अच्छे डिजायन के टाइप-II क्वार्टर बनाए जा रहे हैं।
नए आवास परिसर का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित नीचे दिए गए हरित भवन मापदण्डों के अनुसार किया जाएगा:
- भवन ढांचे में फ्लाई ऐश का प्रयोग (अर्थात सीमेंट मिश्रित फ्लाई ऐश का प्रयोग, ऑटो क्लेव्ड ऐरेटिड सीमेंट ब्लॉकों तथा ज्यादा भार वहन न करने वाली दीवारों में सामान्य ईटों के स्थान पर फ्लाई ऐश लाइम ईटों का प्रयोग।)
- सामान्य जल संसाधन के स्थान पर आर सी सी कार्यों के लिए संसाधन मिश्रणों के द्वारा निर्माण में जल का कम प्रयोग।
- तैयार कंक्रीट मिश्रण के प्रयोग से निर्माण की मात्रा, प्रतीक्षा और समय में कमी।
- टूटी ईंटों का पुन: प्रयोग और अन्य टूटी-फूटी सामग्री का पुन: प्रयोग।
- बाहरी दिवारों और छत का तापरोधन, दरवाजों व खिड़कियों में सामान्य शीशों के स्थान पर बढ़िया शीशों का प्रयोग, आदि।
- नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग (गर्म जल आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा तापन प्रणाली)
- फ्लशिंग के लिए प्रयुक्त जल का पुन: चक्रण और पुन: प्रयोग
- कम वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाऊड रोगन का प्रयोग।
- निर्माण के दौरान कम वायु प्रदुषण
इसके अलावा, नए निर्माण में राष्ट्रपति भवन के मूल वास्तुशिल्प के समान पत्थर का बाहरी आवरण, पत्थर की मोल्डिंग, और पत्थर की जाली होगी।
इमारत थ्री तीन सितारा आवास ढांचे की सभी जरूरतें पूरी करेगी।
यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई