राज्यपालों को अपने नववर्ष संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘अग्रणी नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता में योगदान के लिए आग्रह, शक्ति और कुशल नेतृत्व का प्रयोग करें’
राष्ट्रपति भवन : 08.01.2016


भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने सभी राज्यपालों/उपराज्यपालों का अग्रणी नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता में योगदान के लिए आग्रह,शक्ति कुशल नेतृत्व की शक्ति का प्रयोग करने का आह्वान किया। यह आह्वान आज (08 जनवरी, 2016) राष्ट्रपति भवन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यपालों/उपराज्यपालों को नववर्ष के संदेश में किया गया।

राष्ट्रपति ने कहा, राष्ट्र की प्रगति तीव्र करने तथा जनता का जीवन स्तर बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई अनेक महत्वपूर्ण पहल हैं। स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, डिजीटल इंडिया, भारत में निर्माण, स्किलिंग इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया पहल उनमें से प्रमुख हैं। एक अभिनव भारत के निर्माण में इन प्रत्येक कार्यक्रम की विशिष्ट भूमिका है जिनमें इसके नागरिकों विशेषकर युवाओं के लिए अत्यधिक अवसर होंगे। यद्यपि ये अग्रणी नीतियां और कार्यक्रम मुख्य मंत्रियों के नेतृत्व के अंतर्गत प्रमुख तौर से कार्यपालिका द्वारा कार्यान्वित किए जाएंगे, परंतु राज्यपालों का कुशल नेतृत्व, आग्रह शक्ति तथा संतुलनकारी प्रभाव इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में राज्यपाल अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक मुखिया हैं। उन्हें संविधान के ढांचे के अंतर्गत कर्तव्यों और दायित्वों को पूरा करना चाहिए। उन्हें राष्ट्र के प्रत्येक तीन अंगों अर्थात कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधानपालिका में निहित विशिष्ट प्राधिकार तथा दायित्व का सम्मान करते हुए अपनी निर्धारित भूमिका निभानी चाहिए। उन्हें प्रज्ञा, अनुभव और नैतिक प्राधिकार के द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच समन्वयपूर्ण संबंध स्थापित करने में मदद करनी चाहिए। यह राज्य और इसके लोगों के लिए सर्वोत्तम हित में होगा।

राष्ट्रपति ने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था जो 2015-16 के पूर्वार्द्ध में 7.2प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और उभार के पथ पर है। मंद व्यापार प्रदर्शन के बावजूद हमारा विदेशी क्षेत्र स्थिर है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के पूर्वार्द्ध में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का कायम रखने 1.4 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा भंडार आरामदायक 350 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा है। एक चिंताजनक पहलू कृषि क्षेत्र है जिस पर कम मानसून का प्रभाव पड़ा है। देश के अनेक हिस्से विशेषकर तमिलनाडु और असम में आई विनाशकारी बाढ़ आई जबकि अनेक राज्य भीषण सूखे से पीड़ित थे। इन कठिन हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर कार्य किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि, अपने-अपने राज्यों के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष या कुलाधिपति के तौर पर राज्यपालों को शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रोत्साहन में मदद के लिए इस संगठन को प्रयोग करना चाहिए। ये संस्थान अपने क्षेत्रों में समावेशी विकास के केंद्र बन सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति भवन की भांति राजभवनों को जनता के दर्शन के लिए खोले जा सकते हैं। राजभवनों को स्मार्ट राजभवन में भी बदला जा सकता है। समुचित ऊर्जा और जल प्रयोग तथा अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा राष्ट्रपति संपदा को स्मार्ट टाउनशिप में परिवर्तित किया जा रहा है। एक कमान और नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से समेकित दृष्टिकाण संसाधनों का अधिकतम प्रयोग करेगा तथा निवासियों को सेवा की कुशल सुपुर्दगी करेगा। राज्यपाल अपने-अपने राजभवनों में ऐसे ही बेहतर टाऊनशिप कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने प्रत्येक से 2016 को विकास और परिवर्तन का वर्ष बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रयास करने का आह्वान किया।

यह विज्ञप्ति 1710बजे जारी की गई।

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