राष्ट्रपति भवन : 27.08.2013
पापुआ न्यूगिनी के संसदीय शिष्टमंडल ने नेशनल पार्लियामेंट के स्पीकर, थियो जिबांग ज़ुरेनुवोक की अध्यक्षता में आज (27 अगस्त, 2013) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
शिष्टमंडल का, उनकी प्रथम भारत यात्रा पर, स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों की जनता के प्रतिनिधियों के बीच इस तरह के आवागमन से आपसी समझ बढ़ेगी तथा द्विपक्षीय सहयोग तथा साझा हित के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों के बारे में बहुपक्षीय मंचों पर द्विपक्षीय सहयोग एवं बहुपक्षीय सहयोग में मजबूती आएगी। उन्होंने कहा कि भारत एवं पापुआ न्यूगिनी के बीच आपसी संबंध लोकतंत्र, मानव अधिकार तथा विधि का शासन जैसे साझे मूल्यों पर स्थापित हैं। दोनों देशों की अधिकांश वैश्विक मुद्दों पर समान राय हैं तथा वे राष्ट्रमंडल, गुटनिरपेक्ष आंदोलन तथा संयुक्त राष्ट्र संगठन जैसे राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पापुआ न्यूगिनी में लोकतंत्र तथा संसदीय परिपाटी की सशक्तता की भारत प्रशंसा करता है। पापुआ न्यूगिनी इस क्षेत्र में लोकतंत्र का एक उदाहरण तथा एक आश्रय स्थल है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 1975 में लागू पापुआ न्यूगिनी का संविधान भारत के संविधान पर आधारित है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एवं पापुआ न्यूगिनी की सरकार के बीच पिछले दिनों जो उच्च स्तरीय आदान-प्रदान हुए हैं, उनसे दोनों देशों के बीच अधिक प्रगाढ़ राजनीतिक तथा आर्थिक रिश्तों की क्षमता का पता चलता है।
स्पीकर ने भी राष्ट्रपति जी के उद्गारों का गर्मजोशी से प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि भारत विश्व का ऐसा सबसे महान लोकतंत्र है जिससे पापुआ न्यूगिनी को बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने उमीद व्यक्त की कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच संपर्कों को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।